Illegal Coal: झारखंड में इन दिनों अवैध खनन मामले को लेकर सियासी हड़कंप मचा हुआ है. अवैध खनन मामले में नाम आने पर खनन सचिव एवं आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल को निलंबित कर दिया गया है. वहीं सीएम हेमंत सोरेन की साख भी दांव पर लगी हुई है. रामगढ़-रांची हाईवे पर कई ऐसे गरीब आदिवासी मिल जाएंगे जो साइकिल पर अवैध, चोरी का कोयला बोरों में भरकर उसकी बिक्री करते हैं. गरीब आदिवासी एक-एक साइकिल पर करीब 5-6 बोरों में भरकर कोयला लाते हैं. जिनमें करीब 200-300 किलो कोयला होता है. यह लोग झारखंड के अलग-अलग कोने से अवैध, चोरी का कोयला साइकिल पर लादकर रामगढ़-रांची हाईवे होते हुए रांची व उसके आसपास के इलाके में जाते हैं. वहां ये आदिवासी कोयला बेचकर उससे मिलने वाले पैसों से अपने पेट की आग बुझाते हैं.
बेरोजगारी बनी कारण
कोयले कि अवैध तस्करी करने वालों ने एबीपी न्यूज से बातचीत में बताया कि सरकार हम लोगों को रोजगार मुहिया नहीं करा पाई. इसलिये अवैध तरीके से रोटी के इंतजाम को मजबूर हैं. 15-16 साल से यही कर रहे हैं. 200-300 किलो कोयला एक बार में बेचते हैं तो 1400-1500 रुपया कमा लेते हैं. महीना में 8-9 हजार कमाते हैं. साइकिल से काफी दूर तक चलना पड़ता है. लंबा सफर 70-80 किलोमीटर का तय करते हैं. हम लोगों को पता है की हम लोग गैर-कानूनी काम कर रहे हैं लेकिन इसके अलावा हमारे पास और कोई रास्ता नहीं है. इसी तरह काम करके अपने परिवार का पेट भरते हैं.
प्रशासन ने कार्रवाई करने की बात कही
वहीं पूरे मामले पर रामगढ़ की उपायुक्त माधवी मिश्रा (DC) ने कहा की रामगढ़ माइनिंग जिला है. यहां कोई भी अवैध, चोरी का कोयला बेचने का काम करेगा तो सख्त कार्रवाई होगी. उसके खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा. प्रशासन ने कई लोगों पर नकेल कसी है. कोयले की अवैध तस्करी के लिए हर जगह चेक पोस्ट बनाया गया है. उपायुक्त ने कहा कि जो कोई कोयले की अवैध तस्करी करते हुए पकड़ा जायेगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने इस धंधे में लिप्त लोगों से इस काम को छोड़ने की अपील की. उपायुक्त के मुताबिक, प्रशासन ऐसे कई लोगों को मनरेगा, सीएम रोजगार सृजन योजना सहित अन्य योजनाओं के तहत रोजगार दे रहा है.
बीजेपी ने सरकार पर साधा निशाना
वहीं झारखंड से बीजेपी के राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार ने झारखंड में कोयले के अवैध कारोबार के लिए राज्य सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने निलंबित IAS व खनन सचिव रहीं पूजा सिंघल व सीएम हेमंत सोरेन जो खनन मंत्री भी हैं पर निशाना साधते हुए कहा कि कोयले के अवैध खनन मामले में एक वर्ग ऐसा है जो सत्ता के संरक्षण में लाखों करोड़ों रुपये की चोरी करता है. वहीं दूसरी तरफ ऐसे हजारों गरीब लोग हैं जो खतरा उठाकर कोयला निकालकर बाजारों तक पहुंचाते हैं. यह आर्थिक सामाजिक समस्या है. जिसका निदान सरकार को करना चाहिये. समाज दोनों को अलग नजर से देखता है. यद्यपि दोनों अपराध हैं.
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