कोलकाता: कांग्रेस पार्टी के 10 सितंबर के भारत बंद करने के फैसले से तृणमूल कांग्रेस ने खुद को दूर रखा है. तृणमूल कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि वह पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी जैसे मुद्दों को उठाती रहेगी, लेकिन विपक्षी पार्टियों के 10 सितंबर के भारत बंद को अपना समर्थन देने से इनकार कर दिया. पार्टी के महासचिव पार्था चटर्जी ने कहा कि भारत बंद करने के बजाय तृणमूल कांग्रेस उस दिन पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस जैसी आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों और रुपये के गिरते मूल्य के विरोध में पूरे राज्य में प्रदर्शन करेगी. हम लोगों की मूलभूत आवश्यकताओं की कीमतों में हो रही बढ़ोतरी का विरोध करेंगे.


पार्था चटर्जी ने पत्रकारों से कहा, ‘‘हमलोग हड़ताल का विरोध नहीं कर रहे हैं और ना ही हम इसमें हिस्सा ले रहे हैं.’’ उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस नहीं चाहती कि विपक्षी पार्टियों के भारत बंद से जनजीवन प्रभावित हो.

वहीं, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक (एआईएफबी) ने भी विपक्षी पार्टियों के भारत बंद से दूर रहने का फैसला किया है. उसने आरोप लगाया है कि प्रमुख सहयोगी दल माकपा के केन्द्रीय नेतृत्व ने बंद का समर्थन करने पर फैसला लेने से पहले उसके साथ विचार-विमर्श नहीं किया. किसी भी फैसले में सभी विपक्षी दलों की राय शामिल होनी चाहिए.


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कांग्रेस पार्टी के सूत्रों की मानें तो उनका कहना है कि 'भारत बंद' के लिए समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, द्रमुक, राष्ट्रीय जनता दल, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, जनता दल एस, राष्ट्रीय लोक दल, झारखंड मुक्ति मोर्चा और कई अन्य दल समर्थन कर रहे हैं.

द्रमुक पार्टी के अध्यक्ष एम.के.स्टालिन ने कहा है कि उनकी पार्टी तेल की बढ़ती कीमतों के विरोध में 10 सितंबर को कांग्रेस के 'भारत बंद' में शामिल होगी. बीजेपी पर निशाना साधते हुए स्टालिन ने कहा कि जब भी अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें गिरी हैं, भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने कच्चे तेल पर उत्पाद शुल्क को बढ़ाने का काम किया है.

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