कोलकाता: पश्चिम बंगाल में आज तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार चंद्रिमा भट्टाचार्य ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बीजेपी के सौरिंद्र मोहन जना को 45,526 वोटों से हराकर कंठी दक्षिण विधानसभा उपचुनाव जीत लिया. वाम और कांग्रेस उम्मीदवार क्रमश: तीसरे और चौथे नंबर पर रहे.


भट्टाचार्य को 95,369 वोट मिले जबकि बीजेपी उम्मीदवार ने 52,843 मत हासिल किए. पिछले साल विधानसभा चुनाव में इस सीट पर बीजेपी प्रत्याशी को 15000 वोट ही मिले थे.


वाममोर्चा समर्थित भाकपा उम्मीदवार उत्तम प्रधान को 17,423 वोट मिले जो कुल पड़े मतों का बस दस फीसदी है. जब 2016 में वाममोर्चा ने कांग्रेस के साथ गठजोड़ कर विधानसभा चुनाव लड़ा था कि तब उसे 34.73 फीसदी वोट मिले थे. कांग्रेस उम्मीदवार नबा कुमार नंदा को महज 2270 वोट ही मिले जो कुल पड़े मतों का महज 1.3 फीसदी है.


उधर, तृणमूल की जीत इस सीट पर प्रत्याशित थी क्योंकि पूर्वी मिदनापुर जिला पार्टी का गढ़ है. तृणमूल ने 2016 के विधानसभा चुनाव की तुलना में अपना वोट प्रतिशत दो फीसदी बढा लिया है. अपना वोट तीन गुणा बढ़ा चुकी बीजेपी तृणमूल के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में उभरी है.


अपनी पार्टी के प्रदर्शन पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, ‘‘यह मा माटी मानुष की जीत है.’’


बंगाल में विपक्षी दल एक-दूसरे को वोट हस्तांतरित कर रहे: ममता


पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को विपक्षी पार्टियों पर पश्चिम बंगाल में एक दूसरे को वोट हस्तांतरित करने का आरोप लगाया. ममता ने कहा कि उन्हें इस बात की कोई परवाह नहीं है कि कौन उनकी पार्टी का प्रमुख विपक्षी दल बन रहा है. ममता ने कहा, "यह पता लगाना मेरी जिम्मेदारी नहीं है कि कौन दूसरे और कौन तीसरे स्थान पर चुनावों में आएगा. यह लोगों की जिम्मेदारी है. हम आभारी हैं कि लोगों ने हमें ज्यादा समर्थन दिया है."


एक प्रशासनिक बैठक के बाद बनर्जी ने यहां कहा, "मैं नहीं जानती कि कब राम (बीजेपी) बाम (वाम मोर्चा) हो जाएंगे और कब बाम, राम हो जाएंगे. वे कभी-कभी एक दूसरे को वोट स्थानांतरित कर देते हैं. हम ऐसा नहीं करते..कभी-कभी यह काम माकपा करती है, तो कभी कांग्रेस और यहां तक कि बीजेपी भी. इससे हमें कोई फर्क नहीं पड़ता."


तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार ने पूर्व मेदिनीपुर जिले की कांथी दक्षिण विधानसभा सीट पर गुरुवार को जीत दर्ज की. पूर्व मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने 42,000 वोटों के अंतर से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सौरिंद्रमोहन जना को हराया.


तृणमूल के विधायक दिव्येंदु अधिकारी के 2016 में तमलुक लोकसभा सीट से निर्वाचित होने के कारण इस सीट पर 9 अप्रैल को उपचुनाव कराए गए. ममता ने घोषणा कि चंद्रिमा भट्टाचार्य उनकी सरकार में एक महत्वपूर्ण मंत्रालय संभालेंगी. ममता ने अपने मंत्रिमंडल में मामूली फेरबदल के संकेत दिए. इससे पहले चंद्रिमा भट्टाचार्य, ममता के पहले कार्यकाल में स्वास्थ्य राज्य मंत्री रह चुकी हैं.


उन्होंने कहा, "चंद्रिमा को एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाएगी. मैं उन्हें बैशाख (बंगाली नव वर्ष का पहला महीना) में मंत्री बनाऊंगी. एक या दो बदलाव और किए जाएंगे." चंद्रिमा भट्टाचार्य दमदम (उत्तरी) से 2016 के विधानसभा चुनावों में हार गई थीं.


पश्चिम बंगाल उपचुनाव: कांग्रेस, वाम को भारी नुकसान

पश्चिम बंगाल के पूर्वी मिदनापुर जिले में वाम मोर्चा कभी काफी मजबूत होता था लेकिन कंठी दक्षिण विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में उसके उम्मीदवार की जमानत जब्त हो गयी. उपचुनाव के नतीजे आज घोषित किए गए और तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार चंद्रिमा भट्टाचार्य ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बीजेपी के सौरिंद्र मोहन जेना को हराकर जीत हासिल की.

वाम और कांग्रेस उम्मीदवार क्रमश: तीसरे और चौथे नंबर पर रहे. कांग्रेस उम्मीदवार की भी जमानत जब्त हो गयी. उपचुनाव में डाले गए कुल मतों का करीब 55 प्रतिशत अकेले तृणमूल प्रत्याशी को मिला. दोनों दलों ने हालांकि दावा किया कि राज्य में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के कारण उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा.

भाकपा के राज्य सचिव प्रबोध पांडा ने पीटीआई से कहा, ‘‘परिणाम राज्य में हो रहे सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को परिलक्षित करते हैं. तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी दोनों राज्य में सांप्रदायिक तनाव को हवा देने का प्रयास कर रहे हैं.’’ विपक्ष के नेता अब्दुल मन्ना ने भी ऐसे ही विचार व्यक्त किए और तृणमूल पर चुनाव के दौरान दहशत फैलाने का आरोप लगाया.

कांग्रेस नेता ने दावा किया कि कांग्रेस और वाम को ठीक से प्रचार करने की अनुमति नहीं दी गयी लेकिन बीजेपी को चुनाव प्रचार से नहीं रोका गया. वाममोर्चा समर्थित भाकपा उम्मीदवार उत्तम प्रधान को 17,423 वोट मिले जो कुल पड़े मतों का बस दस फीसदी है.

जब 2016 में वाममोर्चा ने कांग्रेस के साथ गठजोड़ कर विधानसभा चुनाव लड़ा था तब उसे 34.73 फीसदी वोट मिले थे. कांग्रेस उम्मीदवार नव कुमार नंदा को महज 2270 वोट ही मिले जो कुल पड़े मतों का महज 1.3 फीसदी है. भट्टाचार्य को 95,369 वोट मिले जबकि बीजेपी उम्मीदवार ने 52,843 मत हासिल किए. पिछले साल विधानसभा चुनाव में इस सीट पर बीजेपी प्रत्याशी को 15000 वोट ही मिले थे.