नई दिल्ली: तीन तलाक बिल को पास कराने के लिए सरकार ने आम सहमति का रास्ता चुना है. इसके लिए सरकार तीन तलाक के मामलों को ज़मानती बनाने की तैयारी कर रही है. तीन तलाक के मामलों को जमानती बनाने के लिए संशोधन लाने पर कैबिनेट में फैसला लिया जा सकता है. कैबिनेट में इसे लेकर चर्चा होनी है.


लोकसभा से पास, राज्यसभा में अटका
बताते चलें कि एक बार में तीन तलाक के खिलाफ लाया गया 'मुस्लिम महिला विवाह संरक्षण बिल' लोकसभा में पास हो चुका है. ये बिल राज्यसभा में पास होने बाकी है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 16 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर महिला आरक्षण बिल को संसद में पास किए जाने के लिए सहयोग करने को कहा था.


इसी सिलसिले में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस अध्यक्ष को पत्र लिखकर कहा था कि कांग्रेस महिला आरक्षण ही नहीं बल्कि तीन तलाक, हलाला और राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग संबंधी बिलों पर भी सरकार का साथ दे. कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियों ने बिल में मौजूद कई बातों पर आपत्ति जताई है.


कांग्रेस ने की है गुज़ारा भत्ते के प्रावधान की मांग
आपको बता दें कि तीन तलाक बिल पर कांग्रेस ने सरकार के समर्थन का मन बना लिया है. हालांकि, उन्होंने इसके लिए एक शर्त भी रखी है. पार्टी की एक नेता की ओर से कहा गया है कि अगर सरकार गुजारा भत्ता का प्रावधान लाती है तो कांग्रेस जरूर समर्थन देगी. यह बयान अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव ने दिया था.


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