नई दिल्ली: तीन तलाक बिल पर राज्यसभा में बहस शुरू हुई लेकिन जोरदार हंगामे के बाद सदन को कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया. विपक्ष लगातार बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजे जाने की मांग पर अड़ा रहा. वहीं सरकार की ओर से कहा गया कि इसकी कोई जरूरत नहीं है. बता दें कि बुधवार को राज्यसभा में बिल पेश कर दिया था, लेकिन विपक्ष के भारी हंगामे की वजह से चर्चा शुरू नहीं हो सकी थी.
राज्यसभा में आज क्या हुआ ?
- राज्यसभा में ट्रिपल तलाक बिल पर चर्चा के दौरान जोरदार हंगामे के बाद सदन को कल सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है.
- गुलाम नबी आजाद ने कहा- हम बिल के खिलाफ नहीं हैं, हम उस प्रावधान के खिलाफ हैं. जिसमें तीन तलाक देने वाले पति को जेल भेजने की बात कही गई है. क्योंकि उसके जेल जाने के बाद परिवार को खाना कौन देगा?
- वित्त मंत्री ने कहा- अगर सेलेक्ट कमेटी को बिल जाता है तो मैं उसके लिए कुछ कहना चाहता हूं. सेलेक्ट कमेटी ऐसी होनी चाहिए जिसमें राज्यसभा का चरित्र दिखता हो. जो प्रस्तावित कमेटी है उसमें राज्यसभा का चरित्र नहीं दिखता है.
- ट्रिपल तलाक़ पर बिल को सेलेक्ट कमेटी को भेजने के विपक्ष के गैर संवैधानिक प्रस्ताव पर अरुण जेटली ने सभापति से रूलिंग की मांग करते हुए इसे खारिज़ करने की मांग की. जेटली ने कहा कि विपक्ष ने एकतरफा नाम तय कर प्रस्ताव रखा है.
- कांग्रेस ने जिन 17 नेताओं के नाम कमेटी सदस्य के तौर पर सुझाए, उसमें 6 सांसदों वाली टीडीपी का भी एक सांसद है. सरकार ने उनकी मांग मानने से इनकार कर दिया है.
- वित्तमंत्री ने अपनी कल वाली बात दोहराते हुए कहा कि बिल सेलेक्ट कमेटी को भेजने का प्रस्ताव 24 घंटे पहले आना चाहिए था.
- वितमंत्री जेटली ने कहा- कल आनंद शर्मा जी ने और सुखेंदु शेखर राय जी ने जो बात कही थी, मैं चाहता हूं कि चेयरमैन इस पर रूलिंग दें.
- विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा- एक साथ ट्रिपल तलाक बिल के हम सब खिलाफ हैं. बताए कि पति के जेल जाने पर बच्चों की परवरिश का खर्चा कौन देगा?
- राज्यसभा में तीन तलाक बिल पर चर्चा शुरू हो गई है.
कांग्रेस को क्या आपत्ति है?
कांग्रेस तीन तलाक बिल के उस हिस्से पर ऐतराज जता रही है, जिसमें पति को तीन साल की जेल होने की बात कही गई है. इसी में संशोधन की मांग को लेकर कांग्रेस ने बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने की वकालत की है. कांग्रेस की इस मांग को टीएमसी, समाजवादी पार्टी समेत कई छोटी पार्टियों का साथ भी मिल गया. नतीजा ये हुआ कि सिर्फ हंगामा होता रहा और राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी.
बता दें कि अगर सेलेक्ट कमेटी में बिल चला गया तो संसद के शीतकालीन सत्र में बचे दो दिनों में तीन तलाक के खिलाफ बिल पास नहीं हो पाएगा. सूत्रों की माने तो सरकार भी बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने को तैयार हो गई है.
सरकार का क्या कहना है?
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कल भारी हंगामे के बीच तीन तलाक बिल को सदन में पेश किया था. प्रसाद ने कहा कि जान बूझकर तीन तलाक बिल को लटकाने की कोशिश की जा रही है. आज भी बहुत बड़ी संख्या में तीन तलाक दिया जा रहा है. ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है.’’ कल एक घंटे के हंगामे और वार-पलटवार के बीच इस बिल पर चर्चा नहीं हो सकी. कांग्रेस लगातार इस बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने की मांग करती रही.
राज्यसभा में जेटली ने बुधवार को क्या कहा था?
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कल कहा कि जिस तरह से अचानक बिल को सिलेक्ट कमिटी को भेजने का प्रस्ताव पेश किया उससे सदन आश्चर्य में है. उन्होंने कहा कि इस तरह का प्रस्ताव 24 घंटे पहले दिया जाता रहा है और कांग्रेस सदन की परंपरा को तोड़ रही है.
जेटली ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि दूसरे हाउस में आपने बिल का समर्थन किया था और इस हाउस में आप बिल को पटरी से उतारने की कोशिश कर रहे हो. जेटली ने बिल पर चर्चा के लिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला भी दिया.