नई दिल्ली:  तीन तलाक पर अध्यादेश लाने वाली मोदी सरकार ने लोकसभा में बिल पेश कर दिया है. शीतकालीन शत्र के पांचवें दिन यह बिल पेश किा गया है. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने तीन तलाक बिल पेश किया हालांकि कांग्रेस सांसद शशि थरूर बिल के कुछ प्रावधानों का विरोध किया है. थरूर ने कहा कि यह बिल सदन में पेश नहीं होना चाहिए. इसके जवाब में प्रसाद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट भी इस बिल के पक्ष में है और तीन तलाक को रोकना बेहद जरूरी है. केंद्रीय कानून मंत्री ने कहा कि यह बिल देश हित में हैं और मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों के लिए काफी अहम है.





इससे पहले ट्रिपल तलाक बिल को मंजूरी दिलाने में नाकाम रही सरकार ने अध्यादेश के रास्ते इसे लागू कराया था. बता दें कि तीन तलाक पर विधेयक विवाहित मुस्लिम महिलाओं को एक साथ तीन तलाक के खिलाफ संरक्षण देने के लिए लाया गया था.


वहीं ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने रविवार को कहा कि तीन तलाक पर संसद में कानून बनाए जाने की स्थिति में वह इसे अदालत में चुनौती देगा. बोर्ड की कार्यकारिणी समिति की यहां हुई बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य कासिम रसूल इलियास में बताया कि केंद्र सरकार तीन तलाक पर अध्यादेश लाई है. इसकी मियाद छह महीने होगी. अगर यह गुजर गई तो कोई बात नहीं लेकिन अगर इसे कानून की शक्ल दी गई, तो बोर्ड इसको अदालत में चुनौती देगा.