नई दिल्ली:  राज्यसभा में एक बार फिर तीन तलाक़ बिल अटक सकता है. बता दें कि गुरुवार को ही यह बिल लोकसभा में पास हुआ था. तीन तलाक पर कानून बनने के लिए इसे दोनों सदनों में पास होना जरूरी है. इस बीच खबर है कि विपक्षी नेताओं की 31 दिसम्बर को बैठक होने वाली है. माना जा रहा है कि सभी विपक्षी पार्टिया एक प्रस्ताव पेश करेगी. वह नियम 125 के तहत तीन तलाक बिल को सेलेक्ट कमिटी भेजने की मांग करेगी.


गुरुवार को कीन तलाक बिल लोक सभा में हुआ था पास


गुरुवार को तीन तलाक बिल लोक सभा में पास हुआ. मुस्लिम समाज में एक बार में तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) पर रोक लगाने के मकसद से लाये गए ‘मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक’ को लोकसभा की मंजूरी मिल गई. कांग्रेस, आरजेडी, एआईएमआईएमस और समाजवादी पार्टी ने बिल के विरोध में सदन से वॉकआउट किया.


लोकसभा में तीन तलाक विधेयक के पारित होने को लेकर कांग्रेस और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का तीखा दौर चला. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस को बिल का समर्थन नहीं करने के लिए माफी मांगनी चाहिए. वहीं कांग्रेस ने बीजेपी पर 2019 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीति करने का आरोप लगाया.


मुस्लिम समाज में एक बार में तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) पर रोक लगाने के मकसद से लाये गए ‘मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक’ को गुरुवार को लोकसभा की मंजूरी मिल गई. कांग्रेस, आरजेडी, एआईएमआईएमस और समाजवादी पार्टी ने बिल के विरोध में सदन से वॉकआउट किया. कांग्रेस समेत विपक्षी दल विधेयक को संयुक्त प्रवर समिति को भेजे जाने की मांग कर रहे थे.


बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का निशाना


लोकसभा में तीन तलाक विधेयक पारित होने को मुस्लिम महिलाओं की समानता और गरिमा सुनिश्चित करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम करार देते हुए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने मांग की है कि कांग्रेस दशकों तक अन्याय के लिये माफी मांगे.


शाह ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार को लोकसभा में सफलतापूर्वक तीन तलाक विधेयक पारित होने के लिये बधाई दी और कहा कि यह ‘‘मुस्लिम महिलाओं की समानता और गरिमा सुनिश्चित करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है.’’ उन्होंने कहा कि मुस्लिम महिलाओं के साथ दशकों तक अन्याय के लिये कांग्रेस और अन्य दलों को निश्चित रूप से माफी मांगनी चाहिए.


विधेयक को संविधान और मौलिक अधकारों के खिलाफ करार देते हुए कांग्रेस ने कहा कि सरकार ने 2019 के आम चुनावों को ध्यान में रखते हुए हड़बड़ी में इसे लोकसभा में पारित कराया. लोकसभा में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने दावा किया कि आने वाले चुनावों में राजनीतिक लाभ लेने के मकसद से बीजेपी लोकसभा में इस विधेयक को पारित कराने के लिये बेकरार थी.