नई दिल्ली: मुसलमानों के बीच तीन तलाक के चलन को खत्म करने के प्रस्ताव वाला विधेयक गुरूवार को लोकसभा में पेश किया जाएगा. लोकसभा की कार्यसूची के मुताबिक, तीन तलाक से संबंधित मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक 2017 निचले सदन में 28 दिसंबर को पेश किया जाएगा.


क्रिसमस की छुट्टियों के बाद बुधवार 27 दिसंबर से शुरू हो रहे सप्ताह में सरकार के कामकाज की सूची में इस विधेयक को पेश किये जाने का जिक्र किया गया है. इस विधेयक को गृह मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व वाले अंतर मंत्रीस्तरीय समूह ने तैयार किया है जिसमें मौखिक, लिखित या एसएमएस या व्हाट्सएप के जरिये किसी भी रूप में तीन तलाक या तलाक ए बिद्दत को अवैध करार देने और पति को तीन साल के कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है.


इस विधेयक को इस महीने ही केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी थी. यह विधेयक पिछले सप्ताह पेश किया जाना था लेकिन संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा था कि इसे अगले सप्ताह पेश किया जाएगा.


इस सप्ताह लोकसभा में पिछड़ा वर्ग आयोग से संबंधित संविधान 123वां संशोधन विधेयक 2017 में राज्यसभा में किए गए संशोधनों पर भी विचार किया जाएगा. यह पहले लोकसभा में पारित हो चुका है. राज्यसभा में इस विधेयक के संबंध में विपक्ष के संशोधन को मंजूरी मिली थी.


लोकसभा में सार्वजनिक परिसर (अनधिकृत कब्जा से मुक्ति) संशोधन विधेयक 2017, प्राचीन स्मारक, पुरातात्विक स्थल और पुरावशेष संशोधन विधेयक 2017 को भी विचार करने के लिए सूचिबद्ध किया गया है. इसके साथ ही जीएसटी (राज्यों को मुआवजा) संशोधन अध्यादेश 2017 के स्थान पर जीएसटी (राज्यों को मुआवजा) संशोधन विधेयक 2017 को पारित कराने पर विचार किया जाएगा.


सदन में दीवाला और दिवालियापन संहिता संशोधन अध्यादेश 2017 के स्थान पर दीवाला और दिवालियापन संहिता संशोधन विधेयक को विचार और पारित करने के लिए रखा जाएगा. इस सप्ताह ग्रेच्यूटी भुगतान संशोधन विधेयक 2017, डेंटिस्ट संशोधन विधेयक 2017, जन प्रतिनिधित्व संशोधन विधेयक 2017, सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के न्यायाधीशों के वेतन और सेवा शर्त संशोधन विधेयक 2017 को भी विचार के लिए सूची में शामिल किया गया है.