नई दिल्ली: तीन तलाक बिल पर आज मोदी सरकार के लिए बड़ा इम्तिहान हो सकता है. लोकसभा में आसानी से पास हो चुका तीन तलाक बिल आज राज्यसभा में पेश किया जाएगा. जहां बीजेपी सरकार का शक्ति परीक्षण भी होगा क्योंकि राज्यसभा में सरकार बहुमत के आंकड़े से नीचे है. विपक्षी पार्टियों के साथ-साथ नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू भी तीन तलाक बिल का विरोध कर रही है. ऐसे में बिल पास होगा या एक बार फिर राज्यसभा में अटक जाएगा यह गैर यूपीए और गैर एनडीए दलों पर निर्भर करेगा.
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद आज सदन में बिल पेश करेंगे. इसके लिए सत्ताधारी दल बीजेपी ने तैयारी कर ली है. सोमवार को पार्टी ने अपने सांसदों को व्हिप जारी कर सदन में मौजूद रहने के लिए कहा है. नवीन पटनायक की बीजू जनता दल, के चंद्रशेखर राव की तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) और जगनमोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस किसी खेमे में नहीं है. इन नेताओं का साथ अगर सरकार को मिलता है तो बिल आसानी से पास हो जाएगा.
क्या कहता है राज्यसभा का अंकगणित?
राज्यसभा में कुल 245 सीटें हैं, 4 सीटें खाली होने के बाद आंकड़ा 241 होता है. इस लिहाज से बहुमत के लिए 121 सांसदों की जरूरत होगी लेकिन सत्ताधारी गठबंधन एनडीए के पास 113 सांसद ही हैं. जबकि यूपीए के पास 68, बीजेपी विरोधी विपक्षी पार्टियों के पास 42 सीटें है. बिल पास करवाने के लिए बीजेपी को को 8 सांसदों की जरूरत है.
बिल में क्या है प्रावधान
‘मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2019’ में तीन तलाक की प्रथा को शून्य और अवैध घोषित करने का प्रस्ताव है. ऐसे मामलों में तीन वर्ष तक के कारावास का भी प्रावधान किया गया है. यह भी प्रस्ताव किया गया था कि विवाहित महिला और आश्रित बालकों को निर्वाह भत्ता प्रदान करने और साथ ही अवयस्क संतानों की अभिरक्षा के लिए भी उपबंध किया जाए. विधेयक अपराध को संज्ञेय और गैरजमानती बनाने का उपबंध भी करता था . इसमें मजिस्ट्रेट द्वारा जमानत देने की बात कही गई है.