कोलकाता: सुप्रीम कोर्ट में तीन तलाक मामले की याचिकाकर्ता रहीं इशरत जहां ने दावा किया है कि हिजाब पहनकर हनुमान चालीसा पाठ में भाग लेने पर धमकाया गया और उनके साथ गाली गलौच की गई. हावड़ा में गोलाबाड़ी पुलिस को दी गई शिकायत में उन्होंने कहा है कि वे करीबी रिश्तेदार और मकान मालिक के साथ धार्मिक कार्यक्रम में भाग लिए, इसी वजह से धमकी दी गई.

जहां ने दावा किया कि वह बुधवार को अपने बेटे के स्कूल से घर लौट रही थी तभी गोलाबाड़ी इलाके के सैकड़ों स्थानीय निवासियों ने उसे घेरा और उसे धमकाया. गोलाबाड़ी पुलिस थाने के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने शिकायत की जांच शुरू कर दी है और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.’’ अधिकारी ने कहा, जहां ने बताया कि उनकी जान को खतरा है और उन्होंने पुलिस से सुरक्षा मांगी.

जहां ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में कहा, ‘‘मैं यह कहना चाहती हूं कि हम एक धर्म निरपेक्ष देश में रह रहे हैं और किसी भी पवित्र उत्सव में भाग लेना हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपने देश के अच्छे नागरिक के तौर पर अपना कर्तव्य निभाया है. मैं एक धर्मनिरपेक्ष नागरिक हूं. हालांकि इसके कारण मुझे अपने परिवार के सदस्यों से जान का खतरा है.’’

जहां ने यह भी दावा किया कि उसके करीबी रिश्तेदार और मकान मालिक ने उसे घर से बाहर करने की धमकी दी है. शिकायत में कहा गया है, ‘‘मेरे रिश्तेदार और मकान मालिक ने मुझे घर से निकालने की धमकी देना शुरू कर दिया है. उन्होंने मुझे गंभीर धमकी दी और मुझे मारने की धमकी दी.’’

14 साल की बेटी और आठ साल के बेटी की मां जहां एक बार में तीन तलाक देने के खिलाफ मामले की पांच याचिकाकर्ताओं में से एक है. सुप्रीम कोर्ट ने 22 अगस्त 2017 को फौरी तीन तलाक की प्रथा को खत्म कर दिया. जहां के पति ने 2014 में दुबई से फोन पर लगातार तीन बार ‘तलाक’ कहकर उनके साथ रिश्ता खत्म कर लिया था जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया.