Triple Talaq Debate: मुस्लिम देशों ने तीन तलाक को रेगुलेट किया है, हम शरीयत में दखल नहीं देना चाहते- रविशंकर
Triple Talaq Debate in Loksabha: लोकसभा में तीन तलाक बिल पर चर्चा शुरु हो गई है. कानून मंत्री रविशंकर का भाषण शुरु हो गया है.
नई दिल्ली: लोकसभा में तीन तलाक बिल पर चर्चा शुरु हो गई है. कानून मंत्री रविशंकर का भाषण शुरु हो गया है. उन्होंने कहा कि जो इस्लामिक मुल्क हैं उन्होंने तीन तलाक को रेगुलेट किया है. कानून तोड़ने पर सजा दी जाती है. इस्लामिक देश कर रहे हैं तो हम क्यों नहीं?
उन्होंने कहा कि ये केवल तलाक-ए-बिद्दत को लेकर है. हम कहीं से कहीं तक शरिया में हस्तक्षेप नहीं कर रहे हैं.
देश के कानून मंत्री ने कहा कि इस मुद्दे पर क्या संसद को खामोश रहना चाहिए? ये लोकसभा देश के सबसे बड़ी पंचायत है.
उन्होंने कहा कि इस बिल को दलों की दीवारों में ना बांधा जाए, मजहब के तराजू में ना तोला जाए. ये बिल हमारी बहनों की गरिमा के लिए है.
रविशंकर ने कहा कि 2017 में ट्रिपल तलाक के 300 मामले आए हैं. एक तो आज ही का है.
बीजेपी नेता मीनाक्षी लेखी ने कहा कि बिद्दत का मतलब है ईजाद. जिसकी इजाजद कुरान नहीं देती फिर इसकी ईजाद करने वाले कौन हैं.
उन्होंने कहा कि तलाक नहीं रुकेगा लेकिन तलाक-ए-बिद्दत रुकेगा और यही इस बिल का काम है.
मुस्लिम महिलाओं पर त्वरित तीन तलाक यानी तलाक-ए-बिद्दत जैसी अत्याचारी प्रथा पर रोक लगाने के लिए मोदी सरकार ने आज लोकसभा में बिल पेश कर दिया है. केंद्रीय कानून मंत्री ने अपने बयान में कहा है कि ये बिल किसी धर्म, मंदिर या मस्जिद से जुड़ा हुआ नहीं है बल्कि नारी सम्मान से जुड़ा है. उन्होंने कहा कि ये मामला किसी धर्म, परंपरा या प्रथा का नहीं है बल्कि नारी अधिकार और सम्मान का मामला है. हालांकि बिल पेश होने के बाद इसमें शामिल सजा के प्रावधान को लेकर लोकसभा में बवाल भी हुआ.
बिल पेश होने के बाद आल इंडिया मजलिसें इत्तेहादुल मुसलमीन AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन औवेसी ने इसका विरोध किया वहीं, नवीन पटनायक की पार्टी बीजेडी और बिहार में लालू यादव की पार्टी आरजेडी ने भी बिल का विरोध किया है.
रविशंकर प्रसाद ने सवाल उठाया कि सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को गैरकानूनी करार दिया है, अगर फिर भी ये जारी रहा तो क्या ये संसद खामोश रहेगी? प्रसाद ने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक दिन है. यह बिल महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करने के लिए है.
इस बिल का नाम मुस्लिम वीमेन (प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ऑन मैरिज) बिल रखा गया है. बिल में तीन तलाक को गैर कानूनी और असंवैधानिक घोषित किया गया है. हर तरीके से जैसे- बोलकर, लिखकर, मैसेज, फोन, व्हाट्सएप, फेसबुक से तीन तलाक देना अब गैर कानूनी होगा. ऐसा करने वालों को तीन साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है. इस बिल में पीड़ित महिला को भरण पोषण, गुजारा भत्ता और नाबालिग बच्चे को रखने का अधिकार दिया जाएगा. जुर्माने की रकम, गुजारा भत्ता और बच्चों के बारे में फैसला मजिस्ट्रेट को करना होगा.
इसी साल अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को गैर कानूनी करार दिया था और सरकार को कानून बनाने के लिए कहा था. हालांकि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद देशभर में करीब 67 ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जिसमें सबसे ज्यादा मामले यूपी से हैं. यूपी में विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने तीन तलाक का मुद्दा जोर शोर से उठाया था. बीजेपी को यूपी में बंपर जीत भी मिली. खुद पीएम मोदी यूपी से लेकर गुजरात चुनाव और लाल किले तक से तीन तलाक का जिक्र कर चुके हैं.