नई दिल्ली: 11 मई 2017 यानी आज देश की सर्वोच्च अदालत की संविधान पीठ एक ऐसे मामले की सुनवाई शुरू करेगी, जिसका नतीजा चाहे जो हो, वो इतिहास के पन्नों में दर्ज होगा. ऐसा मामला जिसके फैसले का इंतज़ार करोड़ों लोगों को है. जो करोड़ों लोगों के भविष्य पर सीधा असर डालेगा. मुंबई, गाजियाबाद और कन्नौज की कुछ ऐसी महिलाएं हैं जिनकी जिंदगी तीन तलाक के इस प्रावधान बदल कर रख दी है.


क्या मुस्लिम महिलाओं को मिलेगी ‘तीन तलाक’ से आजादी, SC में आज 5 जजों की पीठ करेगी सुनवाई

मुंबई की अहाना शैख की कहानी- मंगाई थी दवाइयों की पर्ची, भेजा तलाकनामा

पिछले 10 सालों से मुंबई में निजी रोजगार के जरिए अपना घर चलाने वाली अहाना शैख़ को उसके पति मुदस्सर ने जिस तरह से तलाक दिया है वो किसी मजाक से कम नहीं है. अहाना के पति ने दवाइयों की पर्ची भेजने के नाम पर उसके घर का पता लेकर तलाकनामा भेज दिया था.



अहाना का कहना है कि वो तलाक के खिलाफ नहीं है. इनका कहना है कि अगर लड़का और लड़की आपसी सहमति से अलग होना चाहते हैं तो तलाक का प्रावधान होना चाहिए. लेकिन जिस तरह से इनके साथ मजाक हुआ है ऐसा किसी के साथ न हो.

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गाजियाबाद की साजिदा की कहानी- पैसों की मांग पूरी न होने पर तीन तलाक

गाजियाबाद में साजिदा नाम की महिला को उसके पति ने तलाक दे दिया है. साजिदा की शादी चार साल पहले हुई थी. उसका एक बेटा भी है. साजिदा के पिता साबिर ने शादी में 6 लाख रुपए खर्च किए थे, लेकिन शादी के बाद भी साजिदा का पति लगातार पैसों की मांग करता रहा. उसने पैसों के लिए साजिदा को काफी मारा पीटा. जब उसके पिता इसकी मांग पूरी नहीं कर पाए तो उसने साजिदा को तीन तलाक दे दिया.

कन्नौज की महजबी बेगम की कहानी- बच्चा न होने पर तीन तलाक

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यूपी के कन्नौज के गुरसहायगंज की रहनेवाली महजबी बेगम की शादी 19 साल पहले कयामुद्दीन नाम के शख्स से हुई थी. शादी के 19 साल बीत जाने के बाद भी दोनों के कोई संतान नहीं हुई. महजबीं के सास ससुर उसे बांझ कह कर ताना मारते थे. वहीं पति उससे मारपीट करता था. कुछ समय पहले महजबी के पति के किसी और लड़की से संबंध बन गए और फिर एक दिन उसने महजबीं को फोन पर तीन तलाक बोल दिया.



महजबीं ने इंसाफ के लिए पुलिस अधिकारीयो का दरवाजा खटखटाया है. पुलिस अधिकारीयों ने महंजबी की शिकायत तो दर्ज कर ली है लेकिन उससे ज्यादा कुछ नहीं हो पाया है. महजबी ने पुलिस से इंसाफ न मिलता देख सीएम योगी के जनता दरबार में भी गुहार लगाई है. महजबी जैसे सैंकड़ों मुस्लिम महिलाओं को अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार है.देखना है कि सुप्रीम कोर्ट तीन तलाक से पीड़ित महिलाओं को क्या राहत देता है.