Assembly Election 2023: त्रिपुरा-मेघालय में हिंदू वोटर्स बिगाड़ सकते हैं किसी का भी खेल? विपक्ष के लिए भी बुरी खबर, चौंकाने वाला सर्वे
Election Survey: नॉर्थ ईस्ट के त्रिपुरा और मेघालय में फरवरी के महीने में विधानसभा चुनाव होने को हैं. यहां पर हिंदू वोटर्स को लेकर एक सर्वे सामने आया है.
Elections 2023: त्रिपुरा (Tripura) और मेघालय (Meghalaya) में विधानसभा चुनावों की तारीख नजदीक आ चुकी हैं. त्रिपुरा में 16 फरवरी तो मेघालय में 27 फरवरी को मतदान होना है. दोनों ही राज्यों में 60-60 विधानसभा सीटें हैं. त्रिपुरा में बीजेपी की सरकार है तो मेघालय में बीजेपी की गठबंधन सरकार है. बीजेपी का हिंदू कोर वोट बैंक है. ऐसे में नॉर्थ ईस्ट के इन राज्यों में हिंदू फैक्टर कितना असर डाल सकता है, इसको लेकर एक सर्वे सामने आया है.
ये सर्वे प्यू रिसर्च सेंटर (Pew Research Centre) का है जिसमें क्षेत्रीय भाषा, खान-पान और धर्म का पालन करने सहित अन्य कई मुद्दों को लेकर सर्वे किया गया है. इस सर्वे के मुताबिक, नॉर्थ ईस्ट (North East) में 73 प्रतिशत हिंदुओं ने बीजेपी को वोट किया है. हालांकि, दोनों ही राज्यों में बीजेपी के लिए स्थानीय राजनीतिक चुनौतियां हैं. जैसे कि त्रिपुरा में कांग्रेस और सीपीएम का गठबंधन हो चुका है. नेताओं के बागी तेवर का भी बीजेपी को नुकसान उठाना पड़ सकता है लेकिन हिंदू वोटर्स किसी का भी खेल बिगाड़ सकता है.
क्या कहता है सर्वे?
पूरे देश में हिंदू वोटर्स को ध्यान में रखते हुए किए गए इस सर्वे में कई तरह के सवाल किए गए, जिसमें भारत के वयस्क लोगों ने हिस्सा लिया. सच्चा भारतीय होने के लिए हिंदू होना जरूरी है, अगर वो बीफ खाता है तो वो हिंदू नहीं हो सकता और कितने प्रतिशत लोगों के जीवन में धर्म अहमियत रखता है. इस तरह के कुछ सवालों के साथ हिंदुओं के मन को टटोलने की कोशिश की गई.
नॉर्थ ईस्ट में 39 प्रतिशत ऐसे लोग रहे जिनका मानना है कि सच्चा भारतीय होने के लिए हिंदू होना जरूरी है. इसके अलावा, 74 प्रतिशत लोगों का मानना है कि अगर कोई व्यक्ति बीफ खाता है तो वो सच्चा हिंदू नहीं हो सकता है. वहीं, 85 प्रतिशत लोगों का मानना है उनके जीवन में धर्म अहमियत रखता है. इस सर्वे में 73 प्रतिशत नॉर्थ ईस्ट के हिंदुओं ने कहा है कि उन्होंने बीजेपी के लिए वोट किया है.
त्रिपुरा और मेघालय में किसका फायदा?
एक तरफ जहां दोनों ही राज्यों स्थानीय राजनीतिक मुद्दे तो हैं ही लेकिन हिंदुओं की अगर बात की जाए तो ये वोटर्स किसी पार्टी की किस्मत बदल सकते हैं. त्रिपुरा में साल 2018 में बीजेपी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए लेफ्ट और कांग्रेस के गठबंधन को बेदखल कर दिया था. तो वहीं, इसी साल मेघालय में भी बीजेपी ने एनपीपी के साथ गठबंधन में सरकार बनाई थी. अब इस बार के चुनाव में देखना होगा कि स्थानीय मुद्दों के साथ साथ हिंदू वोटर्स किस पार्टी का साथ देते हैं.
नोट- ये सर्वे प्यू रिसर्च सेंटर ने 17 नवंबर 2019- 23 मार्च 2020 के बीच भारत में किया था.
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