Tripura Assembly Election 2023: 'टिपरा मोथा का कांग्रेस-लेफ्ट के साथ है गुप्त समझौता...', सांतिर बाजार की रैली में बरसे अमित शाह
Tripura Election 2023: त्रिपुरा की सत्ता में वापसी के लिए बीजेपी अपनी पूरी ताकत झोंकने में लगी है. इसी को लेकर अमित शाह ने सोमवार (6 फरवरी) को एक रैली को संबोधित किया.
Amit Shah On Tipra Motha: त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में सभी दल अपनी-अपनी रणनीति पर काम शुरू कर चुके हैं. सत्ता में वापसी के लिए बीजेपी अपनी पूरी ताकत झोंकने में लगी है. बीजेपी के दिग्गज नेता और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज यानी सोमवार (6 फरवरी) को दक्षिण त्रिपुरा जिले के सांतिर बाजार में एक जनसभा को संबोधित किया.
इस दौरान अमित शाह ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला. केंद्रीय गृहमंत्री के निशाने पर कांग्रेस और लेफ्ट के अलावा त्रिपुरा के शाही वंशज प्रद्योत माणिक्य देबबर्मा के नेतृत्व वाली टिपरा मोथा पार्टी भी रही. शाह ने टिपरा मोथा पर आरोप लगाया कि उसका कांग्रेस और माकपा के साथ गुप्त समझौता हो चुका है.
माकपा-कांग्रेस गठबंधन पर शाह का हमला
माकपा-कांग्रेस गठबंधन पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा, "कम्युनिस्टों के शासनकाल में त्रिपुरा को अंधकार मिला था लेकिन बीजेपी ने राज्य के लोगों को अधिकार दिया." पीटीआई के मुताबिक अमित शाह ने कहा, "दोनों दलों ने कभी भी जनजातियों का सम्मान नहीं किया. इन दोनों दलों ने 50 साल तक त्रिपुरा पर शासन किया, फिर भी उसका विकास नहीं हुआ."
मोथा को वोट मतलब, कांग्रेस को वोट,
— BJP (@BJP4India) February 6, 2023
कांग्रेस को वोट मतलब, वामपंथियों को वोट!
वामपंथियों को वोट देने का मतलब, त्रिपुरा में फिर से हिंसा का शासन स्थापित करना।
- श्री @AmitShah pic.twitter.com/Qz9Yl45stm
शाह ने यह भी दावा किया कि केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने वर्षों की उपेक्षा को समाप्त कर पूर्वोत्तर का विकास सुनिश्चित किया है. उन्होंने कहा, "पिछले पांच वर्षों में भारतीय जनता पार्टी के दो मुख्यमंत्रियों ने त्रिपुरा की सुरक्षा सुनिश्चित की है, जो पहले सीमा पार से घुसपैठ और उग्रवाद से पीड़ित था."
किंगमेकर की भूमिका बन सकती है टिपरा मोथा
बता दें कि त्रिपुरा के आदिवासियों के लिए अलग राज्य ग्रेटर टिपरालैंड की मांग को लेकर प्रद्योत माणिक्य देबबर्मा ने टिपरा मोथा पार्टी का गठन किया है और अकेले ही विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला लिया है. राज्य की 60 में से 42 सीटों पर टिपरा मोथा चुनाव लड़ेगी. त्रिपुरा में लगभग 20 आदिवासी बहुल सीटें हैं और ये पूर्वोत्तर राज्य में सत्ता की कुंजी हैं. इसलिए टिपरा मोथा किंगमेकर की भूमिका में उभर सकती है.
'टोलाबाजी कल्चर हमने समाप्त किया'
शाह ने कहा, "बीजेपी ने राज्य में कैडर राज्य समाप्त करके संविधान का राज बनाने का प्रयास किया है. टोलाबाजी कल्चर हमने समाप्त कर दिया है. हाइवे, इंटरनेट, रेलवे और एयरपोर्ट के जरिए त्रिपुरा को विकसित राज्य बनाने की दिशा में बीजेपी आगे बढ़ी है." उन्होंने कहा, "पूरा नॉर्थ ईस्ट पहले उग्रवादी संगठनों के बम धमाकों से जूझता था, पर आज उनकी जगह रेलवे और हवाई जहाज की आवाज आती है."
कांग्रेस-बीजेपी पर प्रद्योत का हमला
इससे पहले टिपरा मोथा के चीफ प्रद्योत माणिक्य देबबर्मा ने कांग्रेस-लेफ्ट सहित बीजेपी पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा, "यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि कम्युनिस्ट विचारधाराओं, कांग्रेस की रुचि की कमी और भारतीय जनता पार्टी के कुशासन ने त्रिपुरा को प्रगति नहीं करने दी. त्रिपुरा को सशक्तिकरण, संवैधानिक सुरक्षा, रोजगार और बेहतर आजीविका की जरूरत है. पिछली सरकारें 70 सालों से त्रिपुरा के लोगों ने साथ खेल रही हैं."