Tripura Assembly Election 2023: त्रिपुरा की राजनीति में किसी को भी 'राजा' बना सकता है ये शाही परिवार का राजकुमार!
Tripura Assembly Election: टिपरा मोथा ने 42 उम्मीदवार मौदान में उतारे हैं. पार्टी ने 20 उम्मीदवार आदिवासी आरक्षित सीटों पर और बाकी पर सामान्य-अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीटों पर उतारे हैं.
Tripura Vidhan Sabha Chunav 2023: त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव (Tripura Assembly Elections) होने में अब महज पांच दिन बचे हैं. राज्य की 60 सदस्ययों वाली विधानसभा के लिए 16 फरवरी को वोटिंग होगी. राज्य में मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ बीजेपी का कांग्रेस-वाम गठबंधन से है. लेकिन इस चुनाव में एक और नाम है जिस पर गंभीरता से चर्चा हो रही है.
त्रिपुरा में पूर्व शाही परिवार के वंशज प्रद्योत बिक्रम माणिक्य देबबर्मा एक नए चेहरे के रूप में उभरकर सामने आए हैं. चर्चा है कि देबबर्मा इस चुनाव में किंगमेकर की भूमिका निभा सकते हैं. दरअसल, प्रद्योत बिक्रम की पार्टी टिपरा मोथा (TIPRA) को तुरुप का इक्का माना जा रहा है. प्रद्योत की पार्टी ‘ग्रेटर टिपरालैंड’ की मांग कर रही है.
राष्ट्रीय पार्टियों में मची होड़
टिपरा मोथा का कहना है कि वह किसी भी उस पार्टी या गठबंधन का समर्थन करेगी जो उसकी मांगों से सहमत होगी. अब इसे रिझाने के लिए राष्ट्रीय पार्टियों में होड़ मची हुई है. ग्रेटर टिपरालैंड की मांग त्रिपुरा में बड़ा मुद्दा बन गया है. बीजेपी-आईपीएफटी और सीपीएम-कांग्रेस गठबंधन की जंग के बीच प्रद्योत को किंगमेकर कहा जा रहा है. हालांकि, प्रद्योत ने अकेले ही चुनावी मैदान में उतरने का ऐलान किया हुआ है.
अधिकारों के लिए सक्रिय आवाजे उठाते रहे हैं
प्रद्योत बिक्रम शाही घराने से ताल्लुक रखते हैं. वह टिपरा मोथा पार्टी के प्रमुख हैं. उन्होंने द नॉर्थईस्ट टुडे के संपादक के रूप में भी काम किया है. उन्हें 'बुबाग्रा' के नाम से भी जाना जाता है. यहां उन्हें किंगमेकर इसलिए भी कहा जा रहा है क्योंकि वह यहां स्वदेशी त्रिपुरी लोगों के अधिकारों के लिए सक्रिय आवाज उठाते रहे हैं.
42 उम्मीदवार मौदान में उतारे
टिपरा मोथा ने राज्य में 42 उम्मीदवार मौदान में उतारे हैं. पार्टी ने 20 उम्मीदवार आदिवासी आरक्षित सीटों पर और बाकी पर सामान्य और अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीटों पर उतारे हैं. प्रद्योत बिक्रम हाल के वर्षों में आदिवासियों के सबसे मजबूत नेता के तौर पर उभरे हैं.
प्रद्योत के तमाम काम त्रिपुरा के स्वदेशी लोगों के सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विकास के इर्द-गिर्द घूमते हैं. एक युवा के रूप में प्रद्योत एक सक्रिय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता भी रह चुके हैं. उनके पिता किरीट बिक्रम देबबर्मा तीन बार के सांसद थे और उनकी मां बिभु कुमारी, दो बार कांग्रेस की विधायक रही थीं. इन्होंने त्रिपुरा के राजस्व मंत्री के रूप में काम किया था.
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