Manik Saha On Tripura Assembly Elections: त्रिपुरा में चुनाव को लेकर सभी पार्टियां जोर-शोर से प्रचार कर रही हैं. बीजेपी (BJP) की सत्ता में वापसी के लिए पीएम मोदी (PM Modi) से लेकर गृह मंत्री अमित शाह तक सभी बड़े-बड़े नेता रैलियां कर रहे हैं. इसी बीच त्रिपुरा के सीएम डॉक्टर (प्रो.) माणिक साहा (Manik Saha) ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में बताया कि उनका विधानसभा चुनाव में जीत का क्या प्लान है और उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती क्या है.
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा टाउन बारडोवाली विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के उम्मीदवार हैं. माणिक साहा ने विपक्ष पर भी निशाना साधा और कहा कि हमारी सरकार और पार्टी 365 दिन काम करते ही, बाकी जो पार्टी हैं वह सिर्फ चुनाव के पहले ही अपना काम दिखाते हैं, लेकिन बीजेपी हमेशा आम जनता के पास रहती है और उनके लिए काम करती है. कोविड के समय पर भी हम लोगों ने बहुत काम किया. उस वक्त तो किसी और पार्टी को जनता के लिए काम करते देखा नहीं था. हमने आम जनता को खाना आपूर्ति की, पार्टी कार्यकर्ताओं ने लोगों को कोविड के समय में वैक्सीन उपलब्ध कराने का भी प्रयास किया है.
"हम आम जनता के साथ खड़े होते हैं"
उन्होंने कहा कि सरकार भी टीकाकरण कराने की कोशिश कर रही थी, लेकिन पार्टी ने भी अपनी तरफ से इन लोगों की मदद करने की कोशिश की है. घर-घर राशन पानी पहुंचाया है. जब से हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय कर्फ्यू की घोषणा की थी, पार्टी ने लोगों के लिए बहुत काम किया था. हमने 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को टीकाकरण प्रदान करने की पहल शुरू की है तो वह कार्यक्रम सफल रहा. हम लोग प्रतिनिधि हैं. लोगों ने हमें बेहतरी के लिए चुना है इसलिए यह हमारा कर्तव्य है कि हम उनके लिए काम करें और हमेशा काम करते हैं. अगर कोई समस्या होती है तो हम आम जनता के साथ खड़े होते हैं जो कोई अन्य पार्टी नहीं करती है.
इस बार जीत का कितना भरोसा है?
जीत को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त साहा ने कहा कि 100% जीतने का भरोसा है और इस बार हमें पिछली बार से ज्यादा सीटें मिलने वाली हैं. लगातार विपक्ष की ओर से लगाए जा रहे आरोपों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि त्रिपुरा में कांग्रेस अभी उतनी बड़ी नहीं है. 13 सीट लेकर खुश हैं. एक समय था जब कांग्रेस कई सीटों से लड़ती थी, जनता उनपर विश्वास भी करती थी. अभी लोग बाहर से आए हुए हैं, सीपीआईएम भी बाहर से आई है, टीएमसी भी बाहर से आई है. हमारी मुख्य ताकत हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं. हमारे प्रधानमंत्री, हमारे गृह मंत्री और हमारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, वे हमारे संरक्षक हैं. त्रिपुरा में मुझे ऐसी कोई समस्या नजर नहीं आती है.
इस समय त्रिपुरा में सर्जरी करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी कौन सी 3 चीजें होंगी?
साहा ने कहा कि हर दिन तो हम लोग मानसिक रूप से सर्जरी करते हैं, बहुत दिन तक कम्युनिस्ट ने शासन किया. कम्युनिस्टों ने जो माहौल बनाया है इसकी सर्जरी करनी चाहिए. सर्जरी के बाद इंप्यूटेशन करना चाहिए क्योंकि उनकी मानसिकता अभी भी यह है कि हमें गरीब लोगों को गरीब रखना है तब जाके इनका राज चलेगा. हम यही कहना चाहेंगे कि यह झूठ बोलने की राजनीति से बाहर आएं.
"300-400 लोगों के आधार पर चलती है तृणमूल"
तृणमूल कांग्रेस और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तंज कसते हुए माणिक साहा ने कहा कि एक दिन बस आईं, आकर यहां प्रदर्शन किया और फिर चले गईं. ये लोग कुछ 300-400 लोग हैं जो इनको अपना मानते हैं जिनके आधार पर उनकी पार्टी चलती है. इन लोगों को बुलाया यहां पर और एक लंबी रैली की, उनका पहले ही परीक्षण हो चुका है, वे यहां कई बार आए थे और लोगों ने उन्हें नकार दिया है.
त्रिपुरा को जीतना बीजेपी के लिए जरूरी?
माणिक साहा ने कहा कि बीजेपी की सरकार केंद्र में भी है तो कौन नहीं चाहेगा कि हमारी सरकार हर राज्य में हो. इसलिए हम लोग डबल इंजन सरकार कहलाते हैं. इससे विकास में बहुत फायदा होता है. त्रिपुरा में बहुत विकास हुआ है और प्रधानमंत्री सिर्फ त्रिपुरा नहीं वह हमेशा कहते हैं जब तक पूर्वात्तर का पूरा विकास नहीं होगा तब तक देश का भी विकास नहीं होगा. त्रिपुरा में हमने कभी नहीं सोचा था कि त्रिपुरा में राष्ट्रीय राजमार्ग बनेगा, अभी त्रिपुरा में 6 राष्ट्रीय राजमार्ग बन रहे हैं. प्रधानमंत्री सिर्फ त्रिपुरा में नहीं पूरे भारत में विकास ला रहे हैं.
प्रधानमंत्री के चेहरे की जरूरत क्यों?
माणिक साहा ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री हमारे अभिभावक की तरह हैं इसलिए वह तो आएंगे ही. वह सिर्फ त्रिपुरा में नहीं हर जगह जाते हैं. एक रिपोर्टर मुझे पहले बता रहे थे कि त्रिपुरा में चुनाव के समय ऐसा ठंडा माहौल उन्होंने पहले कभी नहीं देखा.
बीजेपी ने 60 विधानसभा सीटों में से 55 पर अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं, बाकी पांच सीटें अपने गठबंधन सहयोगी इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के लिए छोड़ी हैं. साहा, जो दूसरी बार सत्ता में वापसी के गठबंधन के प्रयास का नेतृत्व कर रहे हैं, ने पिछले साल मई में बिप्लब कुमार देब की जगह मुख्यमंत्री का पद संभाला था. उन्होंने पहली बार पिछले साल जून में हुए उपचुनाव में टाउन बारडोवाली सीट पर कांग्रेस के आशीष कुमार साहा को हराकर जीत हासिल की थी.
पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब देब के घर को आग लगा दी जाती है क्या यह कानून व्यवस्था की विफलता है? कैसे देखते हैं आप ऐसे घटनाओं को? इसपर माणिक साहा ने कहा कि ये तो दूसरी बात है इसको लेकर जांच पड़ताल भी चली है. मैं इस मामले पर किसी तरह की टिप्पणी नहीं करना चाहता.
क्या 2023 में भी कुछ बदलाव होने की संभावना है?
2018 में मुख्यमंत्री का जो चेहरा था अब नहीं हैं तो क्या 2023 में भी कुछ परिवर्तन या बदलाव होने का संभावना है. इसपर उन्होंने कहा कि देखिए केंद्रीय नेतृत्व जो सोचेंगे और हमारी पार्टी जो सोचेगी उस तरह से ही होगा, यहां पर कौन कहां जाएगा और किसकी कहां जरूरत है उस हिसाब से सब तैयार रहते हैं. ये तो पार्टी का फैसला होगा.
बिप्लब देब या माणिक साहा- किसको ज्यादा नंबर देंगे?
माणिक साहा ने कहा कि उन्होंने जितने दिन काम किया है बहुत अच्छा काम किया है. अगर आप रिले रेस समझते हैं तो मुझे एक रिले रेस में आखिरी स्लैब पर बैठाया गया है और मैं अभी उसको अंतिम रूप दे रहा हूं. कौन अच्छा कौन बुरा ये सब नहीं है. बीजेपी ने 5 सालों में 100% काम किया है.
बड़ा दुश्मन कौन है, लेफ्ट कांग्रेस या फिर टिपरा मोथा?
इसपर माणिक साहा (Manik Saha) ने कहा कि टिपरा मोथा को दुश्मन क्यों बोलेंगे? कोई भी पार्टी आ सकती है. हमारे लिए कोई दुश्मन नहीं है. लोकतंत्र में सबका हक है और तरीका ऐसा होना चाहिए कि कोई उत्पात न हो. हमारी पार्टी हमेशा हिंसा के खिलाफ रही है. हिंसा मत करो. समाज को आकार देना यह भी एक सर्जरी है. जनता समझती है, जनता सब जानती है.
ये भी पढ़ें-