Biplab Kumar Deb BJP Rajya Sabha Candidate: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने शुक्रवार देर शाम त्रिपुरा में राज्यसभा की एक सीट के लिए होने वाले उपचुनाव पर अपने प्रत्याशी का ऐलान कर दिया. पार्टी ने इस सीट पर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब देब को अपना प्रत्याशी बनाया है. इस तरह पार्टी ने बिप्लब देब को राज्यसभा भेजकर उन्हें मनाने की कोशिश की है.


बता दें कि इसी साल 15 मई को बिप्लब देब की जगह माणिक साहा को त्रिपुरा का मुख्यमंत्री बनाया गया था. इस फेरबदल के बाद बेशक बिप्लब देब बागी नहीं हुए, लेकिन वह लगातार पार्टी के आला नेताओं से मिलते रहे. बताया जा रहा है कि उनकी यह स्ट्रैटजी काम कर गई और पार्टी ने उन्हें उम्मीदवार बनाकर काफी हद तक उनकी नाराजगी खत्म करने की कोशिश की है.


क्यों हो रहा है उपचुनाव


त्रिपुरा में राज्यसभा की एक ही सीट है. इस सीट से इसी साल यानी अप्रैल 2022 में माणिक साहा राज्यसभा सदस्य चुने गए थे. उनका कार्यकाल अप्रैल 2028 में पूरा होना था. इसी बीच त्रिपुरा में बड़ा सियासी बदलाव हो गया. बीजेपी ने बिप्लब देब की जगह प्रदेश का मुख्यमंत्री माणिक साहा को बना दिया. सीएम बनने के बाद उन्होंने राज्यसभा सांसद पद से इस्तीफा दे दिया था. उनके इस्तीफे के बाद यह सीट खाली हुई है.


कब होने हैं चुनाव  


चुनाव आयोग ने त्रिपुरा में राज्यसभा की खाली हुई एक सीट के लिए उपचुनाव कराने की तारीख 22 सितंबर 2022 तय कर रखी है. मतदान के 1 घंटे बाद ही वोटों की गिनती शुरू होगी. गिनती पूरी होने के बाद नए सांसद का ऐलान कर दिया जाएगा. इस सीट पर बीजेपी का जीतना तय माना जा रहा है.


ये है बिप्लब देब का सफर


बिप्लब कुमार देब का जन्म 25 नवंबर 1969 को त्रिपुरा में गोमती जिले के राजधर नगर गांव में एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था. उनके पिता हराधन देब जनसंघ के स्थानीय नेता थे. बिप्लब देब ने त्रिपुरा के उदयपुर कॉलेज से 1999 में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की. इसके बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली आ गए. दिल्ली में इन्होंने 16 साल तक राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के कार्यकर्ता के रूप  काम किया. इनका मध्यप्रदेश और सतना से खास रिश्ता रहा है. वह सतना से भाजपा के सांसद गणेश सिंह के करीब 10 साल तक निजी सचिव रहे. 2014 में बनारस में लोकसभा चुनाव की पीएम मोदी की कैंपेनिंग को मैनेज करने का काम भी बिप्लब देब ने किया. साल 2014 में मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद बिप्लब देब को दिल्ली से त्रिपुरा भेजा. त्रिपुरा राज्य अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिलते ही मात्र दो साल के अंदर ही बिप्लब देव ने बीजेपी के लिए राज्य में कायापलट कर दिया और पिछले 25 साल से चला आ रहा लेफ्ट का साम्राज्य खत्म कर दिया. पार्टी ने इस शानदार प्रदर्शन का इनाम बिप्लब देब को दिया और उन्हें 2018 में प्रदेश का सीएम बनाया गया.


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