Tripura Election: 'बीजेपी गंगा की तरह, पापों से मुक्ति पाने के लिए इसमें डुबकी लगाएं', त्रिपुरा के CM का विपक्षी नेताओं को ऑफर
Manik Saha News: त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कहा कि विपक्षी नेता चुनावों के बाद केवल एक माइक्रोस्कोप के माध्यम से दिखाई देंगे.
Tripura Assembly Election: वामपंथी नेताओं को बीजेपी में शामिल होने की अपील करते हुए त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने रविवार (8 जनवरी) को बीजेपी को गंगा नदी करार दिया. माणिक साहा (Manik Saha) ने विपक्षी नेताओं को ऑफर देते कहा कि उनकी पार्टी गंगा नदी (River Ganga) की तरह है और इसमें डुबकी लगाने से उन्हें सभी पापों से मुक्ति मिल जाएगी. मुख्यमंत्री दक्षिण त्रिपुरा के काकराबान में जन विश्वास रैली के तहत एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे.
मुख्यमंत्री माणिक साहा ने आगे कहा कि बीजेपी इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में जीत को लेकर आश्वस्त है. उन्होंने कहा, "मैं उन लोगों से अपील करता हूं जो अभी भी स्टालिन और लेनिन की विचारधारा में विश्वास करते हैं, वे बीजेपी में शामिल हों क्योंकि यह गंगा नदी की तरह है. यदि आप गंगा में पवित्र स्नान करते हैं तो आपके सभी पाप नष्ट हो जाएंगे."
"ट्रेन के डिब्बे अभी भी खाली हैं"
माणिक साहा ने कहा कि, "ट्रेन के डिब्बे अभी भी खाली हैं. खाली डिब्बे में बैठें और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हम सभी को उस मंजिल तक ले जाएंगे, जहां हमें पहुंचना चाहिए था." विपक्षी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री साहा ने आरोप लगाया कि कम्युनिस्टों ने लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों का दमन किया और वर्षों तक त्रिपुरा पर शासन किया.
"कम्युनिस्ट शासन के दौरान कोई लोकतंत्र नहीं था"
उन्होंने आरोप लगाया कि कम्युनिस्ट शासन के दौरान कोई लोकतंत्र नहीं था, क्योंकि वे हिंसा और आतंक की रणनीति में विश्वास करते थे. दक्षिण त्रिपुरा जिले में वामपंथी शासन के दौरान 69 विपक्षी नेताओं की हत्या कर दी गई थी. काकराबान कोई अपवाद नहीं था, जहां बहुत सारी राजनीतिक हत्याएं हुईं. आगामी चुनावों में बीजेपी की जीत पर विश्वास जताते हुए साहा ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से 5 जनवरी को हरी झंडी दिखाकर रवाना की गई जन विश्वास रैली विपक्षी पार्टियों को पटखनी देगी.
मुख्यमंत्री माणिक साहा (Manik Saha) ने दावा किया कि 2018 के विधानसभा चुनावों के दौरान त्रिपुरा (Tripura) में अमित शाह की ओर से 'प्रेष्ठ प्रमुख' (पृष्ठ प्रभारी) के विचार को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया था. इसने 25 साल बाद कम्युनिस्ट किले को ध्वस्त कर दिया. इस बार, जन विश्वास रैली भी विपक्ष के साथा ऐसा ही करेगी. वे चुनावों के बाद केवल एक माइक्रोस्कोप के माध्यम से दिखाई देंगे.
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