Tripura Violence: त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में कांग्रेस सांसद अब्दुल खालिक के काफिले पर पथराव और हमला हुआ है. असम से कांग्रेस सांसद अब्दुल खालिक ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और वामपंथी नेताओं के एक समूह पर हमला हुआ. उन्होंने कहा, "वे बीजेपी कार्यकर्ता हैं और उन्होंने हम पर हमला किया और पथराव किया. हमारे 3-4 वाहनों में तोड़फोड़ की गई है. मामले में पुलिस ने कुछ नहीं किया. हमें एहसास हुआ कि त्रिपुरा में कानून का कोई राज नहीं है."


दरअसल, त्रिपुरा में चुनाव के बाद हुई हिंसा का जायजा लेने के लिए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPIM), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) और कांग्रेस के नेताओं का जांच दल शुक्रवार को यहां पहुंचा था. सीपीआई के सांसद बिनय विश्वम ने गुरुवार को ट्वीट किया था कि टीम 12 मार्च तक यहां रुक सकती है, जिसके बाद यह रिपोर्ट पेश करेगी और 13 मार्च से शुरू हो रहे संसद के सत्र में इस मामले को उठाएगी.


चुनाव के बाद 1,200 घटनाएं हुई 


राज्य सीपीआई(एम) के वरिष्ठ नेता पवित्र कार के मुताबिक, प्रतिनिधिमंडल को तीन टीमों में विभाजित किया गया था, जो पश्चिमी त्रिपुरा, सिपाहीजला और खोवाई के प्रभावित जिलों का दौरा करेगी. पवित्र कार ने दावा किया कि दो मार्च को विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद से राज्य में हिंसा की करीब 1,200 घटनाएं हुई हैं.






घायलों की सही संख्या का पता नहीं


पवित्र कार ने कहा, "घायलों की सही संख्या और नुकसान का पता नहीं लगाया जा सका क्योंकि चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद से अनगिनत घटनाएं हुई हैं. चुनाव के बाद हुई हिंसा के बारे में एक प्रामाणिक रिपोर्ट इकट्ठा करने के लिए एक प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है." सहायक पुलिस महानिरीक्षक (AIG)-कानून व्यवस्था ज्योतिष्मान दास चौधरी ने शनिवार को कहा था कि चुनाव के बाद हिंसा के ज्यादातर मामले सिपाहीजला और खोवाई जिलों से सामने आए.


ज्योतिष्मान दास चौधरी ने कहा था कि इन जिलों में कुछ लोग घायल हो गए, जिन्हें नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया. बता दें कि 2 मार्च को त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित किए गए थे. चुनाव परिणामों में बीजेपी को स्पष्ट बहुमत मिला है, जबकि कांग्रेस-वाम गठबंधन की हार हुई है.


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