Union Minister Pratima Bhoumik: त्रिपुरा का विधानसभा चुनाव अब दिलचस्प होता जा रहा है. बीजेपी ने 1972 से अभेद्य रहे सीपीआई (एम) के किले को तोड़ने के लिए 'महिला शक्ति' पर भरोसा जताया है. उनका सबसे ज्यादा भरोसा त्रिपुरा की पहली केंद्रीय मंत्री पर है, जो 12 महिला उम्मीदवारों में से एक हैं. सीपीआई (एम) बांग्लादेश की सीमा से लगती धनपुर विधानसभा सीट कभी नहीं हारी है. ऐसे में ये निर्वाचन क्षेत्र हॉट सीट है. 1998 से 2018 तक चार बार के मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने पांच बार यहां से चुनाव लड़ा है.


वहीं, अन्य चार निर्वाचन क्षेत्र जहां मुस्लिम वोट सबसे ज्यादा मायने रखते हैं, वे हैं- सोनमुरा, बॉक्सानगर, कैलाशहर और विशालगढ़. माणिक सरकार ने इस बार चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया है. उन्होंने ये संदेश देने की कोशिश की है कि माकपा के पास नए विचारों के लिए भी बहुत जगह है.


क्या आसानी से जीत जाएंगी प्रतिमा भौमिक


चूंकि अब माणिक सरकार धनपुर से चुनाव नहीं लड़ रहे हैं तो ऐसे में बीजेपी समर्थक काफी आशावादी नजर आ रहे हैं. बीजेपी कार्यकर्ताओं को ऐसा लगता है कि अब उनकी उम्मीदवार और केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्यमंत्री प्रतिमा भौमिक माकपा के कौशिक चंदा को आराम से हरा सकती हैं. इस मुकाबले को काफी हद तक बायपोलर माना जा रहा है. हालांकि, टिपरा मोथा ने आदिवासी अमिय दयाल नोतिया को मैदान में उतारा है और तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने हबील मिया को खड़ा किया है. दो निर्दलीय भी मैदान में हैं.


गोमती नदी के किनारे रहने वाले चंचल दास ने द हिंदू को बताया कि 'दीदी (प्रतिमा भौमिक) ने 2018 के चुनाव में माणिक बाबू के वोट शेयर को काफी कम कर दिया था. वे अब दोबारा से यहां कुछ अकल्पनीय करेंगी और धनपुर सीट को जीतेंगी.' वहीं दूसरी ओर बीजेपी के कार्यकर्ताओं का कुछ और ही मानना है.


BJP को यहां भी पीएम का सहारा!


राज्य के बीजेपी सदस्यों ने कहा, 'हम प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) के त्रिपुरा और बाकी भारत को बदलने के सपने को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हम उन सभी सेवाओं को आखिरी इंसान तक पहुंचा रहे हैं, जिसको लेकर वाम मोर्चा ने 2014 से 2018 तक कुछ नहीं किया. महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए मोदी जी का दृष्टिकोण हमें अच्छी स्थिति में खड़ा करेगा.'


'मुसलमान बीजेपी में विश्वास करता है'


वाम मोर्चा-कांग्रेस गठबंधन को कमजोरी का संकेत बताते हुए उन्होंने कहा कि (धनपुर में) BJP के पास महिलाओं का आशीर्वाद है. उन्होंने दावा किया कि आम धारणा के विपरीत, मुसलमानों को उनकी पार्टी में विश्वास है, क्योंकि केंद्र और त्रिपुरा में बीजेपी सरकारों ने उन्हें बिना किसी भेदभाव के सभी सेवाएं प्रदान की हैं.


'बीजेपी को नहीं होगा कोई फायदा'


इस पूरे राजनीतिक घटनाक्रम और विधानसभा चुनाव पर माणिक सरकार ने कहा कि चुनाव न लड़ने का उनका फैसला बीजेपी के लिए फायदेमंद नहीं होगा. उन्होंने द हिंदू को बताया, 'मैं एक उम्मीदवार नहीं हूं, लेकिन लेकिन मैं अपने सभी उम्मीदवारों के लिए चुनाव लड़ रहा हूं और कांग्रेस के साथ हमारा हुआ हमारा गठबंधन जीत हासिल करेगा.'


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