Assembly Polls 2023: पूर्वोत्तर के तीन राज्यों मेघालय, नागालैंड और त्रिपुरा के लिए आज निर्वाचन आयोग की तरफ से विधानसभा चुनावों की तारीखों का एलान होना है. इन तीनों ही राज्यों में तमाम राजनीतिक दलों को अग्नि परीक्षा से गुजरना होगा. सबसे पहले त्रिपुरा की बात करें तो यहां बीजेपी सत्ता पर काबिज है. नागालैंड में मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो (Neiphiu Rio) की अगुवाई में बीजेपी के साथ गठबंधन की सरकार चल रही है तो वहीं मेघालय में बीजेपी ने नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) के साथ गठबंधन कर सरकार बना ली थी. अब देखना ये होगा कि इस बार तीनों राज्यों में किसकी सरकार सत्ता पर काबिज होगी. 


त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड में अभी से सियासी बिसात बिछाई जाने लगी है. बीजेपी के लिए यह सबसे बड़ी लड़ाई मानी जा रही है क्योंकि तीनों ही राज्यों में बीजेपी के हाथ में कमान है. हालांकि, इनमें से दो राज्यों मेघालय और नागालैंड में गठबंधन की सरकार होने के कारण मुश्किलें चरम पर होंगी. तमाम राजनीतिक दलों के सत्ता हासिल करने की जोर आजमाइश के बीच बीजेपी की टेंशन बढ़ती जा रही है. 


त्रिपुरा 


त्रिपुरा की बात करें तो यहां विधानसभा का कार्यकाल 22 मार्च 2023 को खत्म हो रहा है. यहां कुल 60 विधानसभा सीटें हैं. यहां हमेशा से ही सीपीआई(एम) और कांग्रेस धुर विरोधी रहे हैं. बीजेपी के लिए यही दोनों पार्टियां सबसे ज्यादा बड़ी चुनौती लिए सामने खड़ी हैं. यहां बीजेपी अकेले ही सत्ता के रथ पर सवार है. बीजेपी को डर है कि कहीं दोनों के बीच गठबंधन के कारण सत्ता हाथ से न खोनी पड़ जाए. 2018 के चुनावों में 60 में 35 सीटों पर बीजेपी को जीत मिली थी. बहुमत के आंकड़े के साथ यहां बीजेपी ने अपनी सरकार बनाई थी. बीजेपी ने 25 साल से सत्तारूढ़ माणिक सरकार को यहां सत्ता से बाहर किया था. 


मेघालय 


मेघालय में मौजूदा समय में कॉनराड संगमा के नेतृत्व में एनपीपी, बीजेपी और अन्य क्षेत्रीय पार्टियों की गठबंधन सरकार है. राज्य में कांग्रेस पहले के समय में काफी मजबूत रही है लेकिन पिछले कुछ चुनावों में उसकी दुर्दशा का पूरा फायदा बीजेपी को हुआ है. मेघालय में 60 विधानसभा सीटें हैं और बहुमत के लिए 31 विधायकों का समर्थन जरूरी है. विधानसभा चुनाव 2018 में राज्य के 59 सीटों पर वोट डाले गए थे, एक सीट पर उम्मीदवार की हत्या के कारण चुनाव रोक दिया गया था. चुनाव में किसी भी दल को बहुमत हासिल नहीं हुआ था.


महज 2 सीटों के बाद भी बीजेपी ने सत्ता का खेल पलटते हुए नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) के साथ मिलकर सरकार बना ली थी लेकिन इस बार बीजेपी को डर है कि वह इस गठबंधन को बिखरने से बचा सकेगी या नहीं? यहां 2018 में हुए चुनावों में कांग्रेस को 21 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. एनपीपी दूसरी बड़ी पार्टी के रूप में सामने आई थी जिसके खाते में 19 सीटें थी. बीजेपी को केवल दो सीटों पर ही जीत हासिल हो सकी थी. इसके बाद भी बीजेपी ने यहां एनपीपी के साथ सरकार बनाई. वहीं, यूडीपी को 6 सीटें हासिल हुईं. 


नागालैंड 


नागालैंड में मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो (Neiphiu Rio) की अगुवाई में बीजेपी के साथ गठबंधन की सरकार चल रही है. इस बार भी राज्य में राजनीतिक अटकलों पर विराम लगाते हुए सत्तारूढ़ नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (NDPP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 2023 में मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ने का एलान किया था. एनडीपीपी 40 और बीजेपी 20 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. यहां कांग्रेस के लिए मुश्किल ज्यादा है क्योंकि एनडीपीपी और बीजेपी दोनों ही एक दूसरे का पूरा साथ देते हुए नजर आ रही हैं. हालांकि, बीजेपी को डर है कि एनडीपीपी मुकर न जाए. 


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