Tripura Assembly Election 2023: त्रिपुरा विधानसभा चुनाव 16 फरवरी को होने जा रहे हैं, जिसको लेकर सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव प्रचार में अपनी ताकत झोंक दी है. अगरतला से छह बार विधायक रहे कांग्रेस के कद्दावर नेता सुदीप रॉय बर्मन इस 16 फरवरी को एक बार फिर चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमाने जा रहे हैं. सुदीप बर्मन साल 2018 में बीजेपी में शामिल हो गए थे, लेकिन उन्होंने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब देब के खिलाफ विद्रोह किया और पिछले साल एक बार फिर कांग्रेस में शामिल हो गए. 


कांग्रेस-सीपीआईएम गठबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका


सुदीप रॉय बर्मन की कांग्रेस और सीपीआई (एम) को एक साथ गठबंधन में लाने और सीट शेयरिंग में काफी महत्वपूर्ण योगदान है. इसके साथ ही बर्मन के टिपरा मोथा के अध्यक्ष प्रद्योत माणिक्य देबबर्मा के साथ मधुर संबंध हैं. चुनाव के बीच में सुदीप रॉय बर्मन ने वामदलों और कांग्रेस गठबंधन को लेकर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि विपक्ष में वोटों में बंटवारा ना हो इसके लिए कांग्रेस ने सीट बंटवारे में "बलिदान" दिया है.


हां, कांग्रेस ने कुर्बानी दी-  बर्मन 


एक समाचार चैनल ने सुदीप बर्मन से पूछा कि ऐसा कैसे हो गया कि कांग्रेस ने सीपीआईएम से हाथ मिलाया लेकिन राष्ट्रीय पार्टी होने के बावजूद कम सीटें मिलीं? इस पर उन्होंने कहा, लोगों की इच्छा है कि बीजेपी विरोधी वोट न बंटें. हां, कांग्रेस ने कुर्बानी दी है. कांग्रेस हमेशा से जन समर्थक और गरीब समर्थक रही है. मिजोरम में भी हमने शांति के लिए सरकार की कुर्बानी दी. कांग्रेस हमेशा कुर्बानी देती है और हमें गर्व है कि हमेशा लोगों के हितों का ख्याल रखा गया है.


त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव होने में अब महज दो दिन बचे हैं. राज्य की 60 सदस्यीयों वाली विधानसभा के लिए 16 फरवरी को वोटिंग होगी. वहीं, कांग्रेस नेतृत्व ने ऐलान किया है कि अगर राज्य में गठबंधन की जीत होती है तो आदिवासी चेहरे को ही त्रिपुरा का मुख्यमंत्री बनाया जाएगा.  


यह भी पढ़ें: Anti-Encroachment Drive: महरौली में चल रही डिमोलिशन ड्राइव को रोकने के लिए AAP विधायकों ने की LG से मुलाकात, जानें क्या निकला नतीजा?