बीजेपी ने 2 मार्च को 195 लोकसभा उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की थी. बीजेपी की लिस्ट आने के बाद पार्टी में तूफान आ गया है. बीजेपी के 2 उम्मीदवारों ने लिस्ट में नाम आने के बाद चुनाव लड़ने से मना कर दिया. इसके अलावा कुछ ऐसे भी नेता हैं, जिन्होंने टिकट न मिलने पर राजनीति से सन्यास का ऐलान कर दिया. जबकि जयंत सिन्हा और गौतम गंभीर ने पार्टी की लिस्ट जारी होने से पहले ही उन्हें राजनीतिक कर्तव्यों से मुक्त करने की मांग की थी.


इन तीन नेताओं ने लौटाए टिकट


बीजेपी में टिकट लौटाने की शुरुआत  पवन सिंह से हुई. पवन सिंह को आसनसोल से टिकट दिया गया था. पवन सिंह ने ट्वीट कर कहा था, बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व को दिल से आभार प्रकट करता हूं. पार्टी ने मुझ पर विश्वास करके आसनसोल का उम्मीदवार घोषित किया लेकिन किसी कारण वश में आसनसोल से चुनाव नहीं लड़ पाऊंगा. बताया जा रहा है कि पवन सिंह के 'बंगाल' शब्द पर कुछ आपत्तिजनक गाने थे. उनके टिकट के ऐलान के बाद से टीएमसी पवन सिंह को लेकर बीजेपी पर निशाना साध रही थी. इन सबके बीच पवन सिंह ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया. उन्होंने सोमवार को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात की. 


इसके बाद उपेंद्र रावत ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया. उन्हें यूपी की बाराबंकी से टिकट मिला था.  टिकट मिलने के बाद सोशल मीडिया पर रावत का एक आपत्तिजनक वीडियो जारी वायरल हुआ था. हालांकि, उपेंद्र रावत ने इसे डीप फेक बताया. इसके बाद उन्होंने बाराबंकी से चुनाव न लड़ने का ऐलान किया.


उधर, गुजरात के पूर्व डिप्टी सीएम नितिन पटेल ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया. नितिन पटेल ने मेहसाणा से लोकसभा चुनाव लड़ने का दावा ठोका था. हालांकि, अभी पार्टी ने मेहसाणा से टिकट का ऐलान नहीं किया है. नितिन पटेल ने भी इस फैसले के पीछे कोई वजह नहीं बताई है.


हर्षवर्धन का संन्यास, जयंत सिन्हा-गंभीर ने किया मना


उधर, बीजेपी की लिस्ट से पहले ही हजारीबाग से सांसद जयंत सिन्हा ने पार्टी आलाकमान से उन्हें चुनावी राजनीति से मुक्त करने की अपील की थी. उन्होंने ट्वीट कर बताया था, मैंने पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुझे मेरे प्रत्यक्ष चुनावी कर्तव्यों से मुक्त करने का अनुरोध किया ताकि मैं भारत और दुनिया भर में वैश्विक जलवायु परिवर्तन से निपटने पर अपने प्रयासों पर ध्यान केंद्रित कर सकूं.इससे पहले बीजेपी सांसद गौतम गंभीर ने भी बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से चुनावी राजनीति से मुक्त करने की अपील की थी. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा था, मैंने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से राजनीतिक जिम्मेदारी से मुक्ति की अपील की है, ताकि अपनी आगामी क्रिकेट प्रतिबद्धताओं पर ध्यान केंद्रित कर सकूं. मुझे लोगों की सेवा करने का अवसर देने के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त करता हूं.


पूर्व केंद्रीय मंत्री और चांदनी चौक से सांसद हर्षवर्धन ने सक्रिय राजनीति से संन्यास का ऐलान कर दिया. उन्होंने ये कदम चांदनी चौक से टिकट न मिलने के बाद उठाया. बीजेपी ने चांदनी चौक से प्रवीण खंडेलवाल को टिकट दिया है. हर्षवर्धन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपने इस फैसले के बारे में जानकारी दी.