नई दिल्ली: मोदी सरकार ने इस साल बाढ़ राहत पैकेज में एक भी पैसा बिहार को नहीं दिया है. बीते मंगलवार को केन्द्र ने राज्यों के लिए 5908 करोड़ रूपये जारी किए. गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में राष्ट्रीय आपदा राहत फंड के लिए बैठक हुई. मीटिंग में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी मौजूद थीं. जिसमें बिहार को आर्थिक मदद ना दिए जाने का फैसला हुआ. जबकि बीते दो सालों में बिहार बाढ़ की चपेट में रहा था.


केन्द्र सरकार ने बाढ़ राहत के लिए कर्नाटक को 1869 करोड़ रूपये जारी किए. मध्य प्रदेश को 1749 करोड़ रूपये का पैकेज मिला. जबकि उत्तर प्रदेश को 956 करोड़ रूपये देने का फैसला हुआ. इससे पहले भी कर्नाटक को 1200 करोड़, मध्य प्रदेश को 1000 करोड़ और महाराष्ट्र को 600 करोड़ रूपये जारी किए गए थे. उस समय बिहार को भी 400 करोड़ रूपये का राहत पैकेज मिला था. बिहार की नीतीश सरकार ने केन्द्र से राहत और पुनर्वास के लिए 4 हजार करोड़ रूपये की मांग की थी. केन्द्र की एक टीम ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा भी किया था. लेकिन जब मदद की बारी आई तो बिहार को कुछ नहीं मिला. जब राज्य सरकार के अफसरों ने केंद्र से पूछा तो जवाब मिला कि केन्द्र सरकार की एक टीम जल्द बिहार का दौरा कर सकती है.


केन्द्र सरकार के इस ताजा फैसले के बाद से बिहार में हंगामा मचा है. नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू धर्म संकट में है. गठबंधन धर्म भी निभाना है और केन्द्र से आर्थिक मदद की भी जरूरत है. उधर आरजेडी और कांग्रेस के नेता आंग में घी डालने में जुटे हैं. लेकिन बीजेपी और जेडीयू में खटपट बढ़ गई है. एनआरसी और प्रशांत किशोर को लेकर पहले से तनातनी है. जेडीयू के प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार बिहार की अनदेखी कैसे कर सकती है ? नीतीश सरकार ने तो 2000 करोड़ रूपये बाढ़ पीड़ितों के खातों में ट्रांसफर कराए हैं. उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि पीएम नरेन्द्र मोदी बिहार के जरूरतमंद लोगों की मदद करेंगे. आरजेडी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शिवानंद तिवारी ने कहा कि नीतीश कुमार तो बीजेपी के आगे लेटायमान हो चुके हैं. इसीलिए केन्द्र सरकार खुल्लम खुला बिहार के साथ पक्षपात रही है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने कहा कि बीजेपी डबल इंजन की सरकार के नाम पर नीतीश कुमार को उल्लू बना रही है. इसी साल के आखिर में बिहार में विधानसभा के चुनाव होने हैं. ऐसे में बाढ़ राहत पैकेज जेडीयू और बीजेपी के रिश्तों में गले की फांस बन सकती है.


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