Liquor Scam in Chhattisgarh: पूर्व आबकारी मंत्री और कोंटा से कांग्रेस विधायक कवासी लखमा की मुश्किलें बढ़ गई हैं. छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में ईडी की 7 जगहों पर छापेमारी की है. इसके अलावा ED ने कवासी लखमा के घर समेत 4 जगहों पर छापेमारी की. इसके साथ ही उनके बेटे के यहां भी छापा मारा गया है. बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ शराब घोटाले से जुड़े मामले में की गई है.



आरोप है कि कवासी लखमा जब छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री थे, तब उन्हें अपराध की आय का हर महीने 2 करोड़ रुपए दिया गया था. इस घोटाले में पूर्व मंत्री के घर दूसरी बार छापेमारी हुई है.


सीबीआई जांच के दिए जा चुके हैं आदेश


इससे पहले राज्य की साय सरकार ने शराब घोटाला मामले को लेकर बड़ा फैसला किया था. सरकार ने इसकी आगे जांच सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) को सौप दी है. राज्य सरकार ने सीबीआई जांच को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है. साय सरकार का आरोप है कि FL-10 लाइसेंस व्यवस्था की वजह से ही पिछली सरकार में करीब 2200 करोड़ का घोटाला हुआ. अब तक इस मामले में ACB और ED जांच कर रही थीं. 


जानें क्या है शराब घोटाला?


ED के अनुसार,  2019 से 2022 के बीच कथित शराब घोटाला हुआ था. इस घोटाले को अलग-अलग चरणों में किया गया था. इसमें सबसे पहले शराब की खरीद के लिए डिस्टिलर्स से रिश्वत ली गई थी. इसके बाद बेहिसाब देशी शराब बेची गई, जिसकी बिक्री किताबों में दर्ज नहीं की गई थी. इस वजह से राज्य को इसका राजस्व भी नहीं मिला. घोटाले के कमीशन वाले हिस्से में डिस्टिलर्स से रिश्वत लेना भी शामिल था, ताकि उन्हें भी एक निश्चित बाजार हिस्सेदारी मिल सके और विदेशी शराब की बिक्री से मुनाफा कमाया जा सके.