नई दिल्ली: ट्रक चालकों ने जीएसटी और डीजल के ऊंचे दाम की वजह से हो रहे नुकसान को लेकर आज से देश भर में दो दिवसीय हड़ताल शुरु कर दी. ट्रक चालकों के संगठन ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) ने बताया कि जीएसटी, डीजल के ऊंचे दाम और सड़क एवं टोल नीतियों को लेकर प्राधिकरणों की प्रताड़ना के खिलाफ दो दिन की हड़ताल शुरू हुई है.


2000 करोड़ रुपये का हुआ नुकसान
एआईएमटीसी की मुख्य समिति के चेयरमैन बाल मलकीत सिंह ने कहा, ‘‘आज शुरू हुई हमारी हड़ताल से देश भर में सप्लाई पर असर आया है. हालांकि, हमने जरूरी चीजों की सप्लाई बाधित नहीं की है. हमारा आकलन है कि एक दिन में सड़क परिवहन क्षेत्र को करीब 2000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.’’ उन्होंने कहा कि इन मुद्दों के खिलाफ देश भर में ट्रक चालक एकजुट हैं और यदि सरकार हमारी चिंताएं दूर नहीं कर पायी तो हम दीवाली के बाद विरोध तेज कर देंगे. उन्होंने कहा कि ट्रांसपोर्ट सेक्टर से 12 करोड़ लोग जुड़े हुए हैं.


एआईएमटीसी से जुड़े 93 लाख से ज्यादा ट्रक ड्राइवर
देश में राष्ट्रीय राजधानी समेत अधिकांश हिस्सों में सड़कों से ट्रकें गायब रहीं. मुंबई में ट्रक चालकों ने मनखुर्द चेकपोस्ट पर धरना भी दिया. एआईएमटीसी से 93 लाख से अधिक ट्रक चालक जुड़े हुए हैं. संगठन ने कई अन्य परिवहन संगठनों के समर्थन का भी दावा किया.


दीवाली के बाद अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा सकते हैं ट्रक चालक
मलकीत सिंह ने कहा, ‘‘एआईएमटीसी के आह्वान पर हो रही इस दो दिवसीय हड़ताल को इसके सभी संबद्ध सदस्यों का समर्थन हासिल है. यह हड़ताल पहले दिन सफल रही है. देश भर में करीब 70 से 80 फीसदी कारोबार बंद रहा है. हम दूसरे दिन भी ऐसी ही उम्मीद रखते हैं.’’ उन्होंने आगे कहा कि ट्रांसपोर्ट सेक्टर की गंभीर समस्याओं के प्रति सरकार का उदासीन रहना बेहद हैरान करता है. इसके कारण दीवाली के बाद तो ट्रक चालक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा सकते हैं.


इंडियन फाउंडेशन ऑफ ट्रांसपोर्ट रिसर्च एंड ट्रेनिंग ने ट्रक चालकों की इस हड़ताल को अप्रभावी करार दिया. इसके समन्वयक एसपी सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और दूसरे शहरों में सप्लाई सामान्य रही है. उन्होंने कहा, ‘‘देश भर में इंडस्ट्रियल क्षेत्र भी इस हड़ताल से लगभग अप्रभावित ही रहे हैं. ट्रकें कच्चा माल लेकर आ रहीं हैं और तैयार उत्पादों की ढुलाई करती रहीं.’’ हालांकि, एआईएमटीसी ने कहा कि इस हड़ताल में बांबे मोटर ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर्स, बांबे ट्रांसपोर्ट कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स सोसायटी और महाराष्ट्र टैंकर लॉरी ऑनर्स एसोसिएशन भी शामिल रहे.


डीजल को जीएसटी के तहत लाने की मांग
मलकीत सिंह ने कहा, ‘‘अब समय आ गया है कि सरकार डीजल पर टैक्स को समुचित बनाये और इसकी कीमतों को अंतर्राष्ट्रीय बाजार के मुकाबले कम करे. देश भर में कीमतों में एक समान लाने के लिए डीजल को निश्चित तौर पर जीएसटी के अंतर्गत लाना चाहिए. इसकी कीमतों में बदलाव भी तिमाही आधार पर होनी चाहिए.'