नई दिल्ली: एलओसी पर भारत के हाथों मुंह की खाने की बाद अब पाकिस्तान को अमेरिका से भी झटका लगा है. सऊदी अरब में मुस्लिम राष्ट्रों के सम्मेलन में नवाज शरीफ को बोलने का मौका तक नहीं दिया गया. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भी उनसे मुलाकात नहीं की. इस वजह से उनका पाकिस्तान में ही मजाक उड़ रहा है. अब अमेरिका पाकिस्तान को मिल रही आर्थिक मदद में बड़ी कटौती करने की तैयारी में है.


1200 करोड़ तक की कटौती करने की तैयारी में अमेरिका
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को आर्थिक मोर्च पर बड़ा झटका दिया है. डॉनल्ड ट्रंप की सरकार ने अपनी संसद में ये प्रस्ताव दिया है कि जो आर्थिक मदद अब तक अमेरिका से पाक को मिल रही थी. उसे लोन यानी के उधार के तौर पर समझा जाए. यही नहीं अमेरिका पाक को मदद में मिलने वाले पैसों में 1200 करोड़ तक की कटौती करने की तैयारी में है. अमेरिका का ये फैसला पाकिस्तान के लिए कितना मुश्किल भरा है. ये आंकड़े आपको समझाते हैं.


भीख मांगने की कगार पर आ जाएगा पाक
पिछले साल अमेरिका ने पाकिस्तान को करीब 35 अरब रुपये की मदद दी थी. जिसमें से करीब 15 अरब रुपये पाक को सैनिक मदद थी. ताकि वो आतंकियों से लड़ने के लिए सेना को हथियार दे सके। अब अमेरिका ने ये मदद घटाकर सिर्फ 22 अरब 26 करोड़ करने का प्रस्ताव दिया है. जिसमें सिर्फ 6 अरब 47 करोड़ ही पाकिस्तान को सेना के लिए मिलेंगे. ये भी पाक को कर्ज के तौर पर मिलेंगे यानी खैरात नहीं. यानी अमेरिका और चीन के टुकड़ों पर पलने वाला पाकिस्तान जो भारत को आंख दिखा रहा था अब भीख मांगने की कगार पर आ जाएगा.


नवाज शरीफ की बेइज्जती की सिलसिलेवार कहानी
सऊदी अरब में इस्लामिक समिट का आयोजन किया गया था. जिसमें पहली बार अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप पहुंचे थे. सम्मेलन में पाकिस्तान समेत कई छोटे बड़े मुस्लिम देशों के राष्ट्राध्यक्ष शामिल हुए. नवाज शरीफ की मंशा थी ट्रंप के सामने वो अपनी आतंक विरोधी झूठी नीतियों की शेखी बघारते. यहां नवाज को बोलने का मौका ही नहीं दिया गया. भाषण की पूरी प्रैक्टिस कर रियाध गए नवाज का अब उनकी मीडिया में ही मजाक उड़ रहा है।


नवाज शरीफ को सऊदी अरब में बड़ा झटका डॉनल्ड ट्रंप ने भी दिया. ट्रंप सऊदी अरब में मीटिंगों में शामिल हुए, कई करार किए. यहां तक की सऊदी अरब के नेताओं के साथ नाचे भी (एंबियंस थोड़ा सा) लेकिन नवाज से दो शब्द भी नहीं बोले. भारत में जानकारों का मानना है कि जिस तरह मोदी सरकार ने पाकिस्तान को आतंक के मुद्दे पर दुनिया के सामने बेनकाब किया है ये उसी कूटनीति का नतीजा है.


भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत- एक्सपर्ट
पठानकोट आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने दुनिया के सामने इस बात का दावा किया था कि पाकिस्तान को भारत सबके सामने दरकिनार कर देगा. लेकिन पाकिस्तान इसके बावजूद चीन के साथ अपने आर्थिक कॉरिडोर का हवाला देकर रट लगाता रहा कि भारत अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो सकता लेकिन जिस तरह से सऊदी अरब में नवाज का तिरस्कार हुआ. और अमेरिका ने आर्थिक मदद में कटौती की है. भारत को बड़ी कूटनीतिक जीत मिली है.