नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो के साथ एक बेहद चौंकाने वाला दावा किया जा रहा है. इस दावे के मुताबिक पेटीएम के मालिक विजय शेखर शर्मा जश्न में डूबकर गाली दे रहे हैं.


दावा इस लिए हैरान करने वाला है क्योंकि कहानी उस पेटीएम से जुड़ी है जिसके जरिए आप बिना नकद के राशन से लेकर टैक्सी के बिल तक का भुगतान कर रहे हैं. ये कहानी नोटबंदी के दौरान जो आपके लिए राहत बनकर सामने आए पेटीएम की है. अब इसी पेटीएम के मालिक विजय शेखर शर्मा का एक वीडियो चर्चा का विषय बना हुआ है.



वीडियो में क्या दिख रहा है


वीडियो में दिख रहा है कि विजय शेखर शर्मा माइक लेकर मंच पर आपत्तिजनक तरीके से चीख रहे हैं. लेकिन इसके बाद सवाल आता है कि क्या शख्स विजय शेखर शर्मा ही है. सवाल और शक इसलिए क्योंकि विजय शेखर शर्मा करोड़ की कंपनी के मालिक हैं. उन्होंने बहुत कम समय़ में बड़ा मुकाम हासिल किया है. उनकी सफलता का सम्मान यूपी सरकार ने यशभारती सम्मान देकर किया है. कहा जाता है कि वो बहुत साधारण और सरल हैं.कुछ दिन पहले यूपी के सीएम से मिलने वो रिक्शे में बैठ कर चले गए थे.तो क्या इतना बड़ा आदमी एक मंच में चढ़ कर सार्वजनिक रूप से ऐसा कर सकता है?


जब हमने इस वीडियो की पड़ताल की तो विजय शेखर शर्मा के एक पुराने वीडियो से उनके इस वीडियो का मिलान करवाया. इससे पहले सवाल का जवाब तो मिल गया कि वीडियो में दिख रहा शख्स ही पेटीएम के मालिक विजय शेखर शर्मा ही हैं.


इसके बाद दूसरा सवाल आता है कि ये ऐसा क्यों और कहां कर रहे हैं और ये आपत्तिजनक कैसे हैं? ये कौन सा मौका है जो विजय शेखर शर्मा अपने विरोधियों को डरा रहे हैं. जिस पेटीएम के जरिए रोज करोड़ों का लेन-देन हो रहा है उसके कर्ता धर्ता को लाइट साउंड और कैमरा के बीच गाली देने की नौबत क्यों आई है?


सवाल ये भी है कि कि जिस तरीके से इस वीडियो को पेश किया जा रहा है क्या वो सच है? इन सभी सवालों का जवाब जानने के लिए हमने इस वीडियो की तफ्सील से पड़ताल की.


एबीपी न्यूज की पड़ताल में पता चला कि ये वीडियो पेटीएम की एनुअल पार्टी का है. वो पार्टी जो पेटीएम की कामयाबी का जश्न मनाने के लिए रखी गई थी. 37 साल के विजय शेखर शर्मा ने पेटीएम की शुरुआत 2010 में थी. लेकिन नोटबंदी के बाद कंपनी को मिली जबर्दस्त कामयाबी ही वो वजह थी कि विजय शेखर अपने कर्मचारियों के सामने अपनी खुशी कुछ इंस अंदाज में बांट रहे थे.


विजय शेखर शर्मा ने कहा अपने कर्मचारियों से कहा, ''सबसे अच्छी बात ये है कि अभी तक हमने जो कुछ भी किया है उससे 100 गुना बड़ा मौका हमारे सामने है. हम 2 लोगों ने मिल कर एक छोटे से बिजनेस के साथ शुरुआत की थी और आज हम 4 हजार 500 लोग है. हम में से हर किसी के पास जितना हमने किया है उससे 10 गुना ज्यादा करने की क्षमता है. हम सब मिल कर अभी से 10 गुना ज्यादा अच्छा करेंगे. इस देश में हम लोगों से बेहतर कोई ब्रांड नहीं है..''


मौका जश्न का था और एक कंपनी का सीईओ अपने तरीके से अपने कर्मचारियों का उत्साह बढ़ा रहा था. इस वीडियो के वायरल होने और विजयशेखर शर्मा के इस तरीके की आलोचना शुरू हुई तो हमने पेटीएम से इस पर पक्ष जानने की कोशिश की. पेटीएम ने इसे प्राइवेट पार्टी बताया है.


हमने कंपनी में कर्मचारियों के हितों का ख्याल रखने वाले एचआर एक्सपर्ट से बात की और ये समझने की कोशिश की कि क्या इस तरह की प्राइवेट पार्टी में कर्मचारियों का उत्साह ऐसे ही बढ़ाया जाता है.


पड़ताल में पता चला कि ये एक निजी पार्टी का वीडियो है जो पेटीएम ने अपने कर्मचारियों को कामयाबी का जश्न मनाने के लिए दी थी और विजय शेखर शर्मा सहयोगियों के साथ अपनी खुशी बांट रहे थे, अपने कर्मचारियों का उत्साह बढ़ा रहे थे. ऐसे में एक्सपर्ट की राय में इसमें कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है. बल्कि एक मोटीवेशनल एक्सरसाइज़ है ताकि कर्मचारी और मालिक की दूरी कम हो सके.


हमें पड़ताल में एक साल पुराना एक और वीडियो मिला. इस वीडियो में भी विजय शेखऱ उसी तरह जोश में अपने कर्मचारियों का हौसला बढ़ा रहे हैं जैसे नए वीडियो में बढ़ा रहे हैं. इसलिए ये कहना गलत है कि कामयाबी की वजह से वो ऐसा कर रहे हैं. हमारी पड़ताल में वायरल हो रहा ये वीडियो सच साबित हुआ है लेकिन जिस तरह इसे पेश किया जा रहा है वो गलत है.


क्या है पेटीएम और कैसा है इसका कारोबार?
पेटीएम यानि पे थ्रू मोबाइल एक एप है जिसके जरिए ऑटो रिक्शा का भाड़ा देने से लेकर किराना स्टोर से समान खरीदने तक आप हर जगह मोबाइल से भुगतान कर सकते हैं. बस आपके मोबाइल में पेटीएम ऐप होना चाहिए और पेटीएम के वॉलेट में पैसे. आप बिना कैश के छोटी-बड़ी खरीदारी आसानी से कर सकते हैं.


नोटबंदी के बाद पेटीएम ने कैश की किल्लत वाली मुश्किल आसान की नोटबंदी के बाद पेटीएम बिजनेस में 300 फीसदी की छलांग लगाई है. नोटबंदी के बाद से पेटीएम के जरिए करीब 70 लाख ट्रांजैक्शन हो रहे हैं, जिनके जरिए 120 करोड़ रुपये का रोजाना लेन-देन हो रहा है. नोटबंदी पेटीएम के लिए ऐसा कुबेर का खजाना बनी है कि कंपनी का कारोबार 5 गुना तक बढ़ गया है.