ये तस्वीर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट की है. इस तस्वीर में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और असदुद्दीन ओवैसी दिख रहे हैं. अमित शाह और असदुद्दीन ओवैसी राजनीति की दुनिया में एक दूसरे के दुश्मन माने जाते हैं. लेकिन यहां बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह मुस्कुराते हुए एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी का स्वागत कर रहे हैं. अमित शाह ओवैसी का हाथ पकड़े हुए हैं और मुस्कुरा रहे हैं जबकि ओवैसी बड़े गौर से अमित शाह को देख रहे हैं.
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा मुझे किसी ने ये तस्वीर भेजी है. देखने में लगता है कि तस्वीर के साथ छेड़छाड़ हुई है क्योंकि असद भगवा रंग का जैकेट नहीं पहनते हैं लेकिन आजकल कुछ भी हो सकता है.
दरअसल इस तस्वीर को हवा इसलिए मिल रही है क्योंकि बिहार विधानसभा चुनाव के वक्त ऐसी खबर आई थी कि ओवैसी और बीजेपी के बीच एक सीक्रेट डील हुई है लेकिन बाद में दोनों तरफ से इसका खंडन हो गया था.
और अब उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के ठीक बीच में दिग्विजय सिंह की ट्वीट की गई ये तस्वीर कई तरह की चर्चाओं को जन्म दे रही है. ट्वीट के जरिए दिग्विजय सिंह ने एक ही बार सारी गेंद खेली हैं. मतलब उन्होंने तस्वीर पर छेड़छाड़ का शक भी जताया है और इस बात से इंकार नहीं किया कि चुनाव का वक्त है तो कुछ भी हो सकता है.
दिग्विजय सिंह का ट्वीट यहां दो सवाल खड़े करता है. पहला अमित शाह और असदुद्दीन ओवैसी की ऐसी कोई मुलाकात हुई थी या नहीं और दूसरा सवाल ये कि क्या अमित शाह और ओवैसी की तस्वीर के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ की गई है?
इन तमाम सवालों का जवाब ABP न्यूज ने 7 महीने पहले वायरल सच के शो में दिया था. हमने 28 जून को अमित शाह और ओवैसी की दोस्ती का सच आपको बताया था. पहली बार ये तस्वीर 2016 के जून महीने में सुर्खियों में आई थी.
ABP न्यूज की वायरल सच इन्वेस्टिगेशन में सामने आया था कि वायरल तस्वीर 19 अक्टूबर 2014 की है जब बीजेपी महाराष्ट्र और हरियाणा में मिली जीत का जश्न मना रही थी. प्रधानमंत्री मोदी बीजेपी कार्यालय पहुंचे जहां बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह उनके स्वागत के लिए मौजूद थे.
प्रधानमंत्री मोदी पहुंचे और अमित शाह ने उन्हें माला पहनाकर उनका स्वागत किया. उसी तस्वीर के साथ छेड़छाड़ करके मोदी की जगह असदुद्दीन ओवैसी को दिखाया गया. कपड़े वही हैं गले में माला भी दिखाई दे रही है सिर्फ चेहरा बदल दिया गया है. फोटो के साथ छेड़छाड़ की इस तकनीक को ग्राफिक्स की भाषा में फोटो शॉप कहते हैं.
इस तकनीक के जरिए किसी भी तस्वीर को मॉर्फ करके अलग तरीके से पेश किया जा सकता है. मोदी और अमित शाह की तस्वीर में जैसे असद्द्दीन ओवैसी की एंट्री कराई गई वहां पर हम राहुल गांधी को भी दिखा सकते हैं.. या फिर दिग्विजय सिंह को भी. अगर आप सच नहीं जानते तो तकनीक के जरिए आपको वो दिखाया जा सकता है जो असल में हुआ ही नहीं है. जैसा कि इस तस्वीर के साथ हुआ.
ये तस्वीर गलत है ये हमने सात महीने पहले ही बता दिया था और ये सार्वजनिक भी है यानि सब जानते हैं अब कांग्रेस से वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने किस मकसद से ये तस्वीर ट्वीट की है ये वो ही बेहतर बता सकते हैं.
एबीपी न्यूज की पड़ताल में अमित शाह और ओवैसी की दोस्ती का दावा करने वाली तस्वीर झूठी साबित हुई है.