चेन्नई: तमिलनाडु विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की पूर्व सीएम जयललिता की करीबी वीके शशिकला ने राजनीति छोड़ने का एलान किया है. शशिकला के इस फैसले पर उनके भतीजे दिनाकरन को झटका लगा है. AIADMK से निष्कासित किए जाने के बाद दिनाकरन ने अम्मा मक्कल मुन्नेत्र कषघम (AMMK) की स्थापना की थी.


शशिकला के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए दिनाकरन ने कहा, “मैंने पूरी कोशिश की कि मैं उन्हें यह फैसला न लेने दूं लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ... AMMK मेरे नेतृत्व में यह चुनाव लड़ेगी.”


शशिकला ने अपने पत्र में कहा, ''जब जया (पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता) जीवित थीं, तब भी मैं कभी सत्ता में या पद पर नहीं रही. उनके निधन के बाद भी ऐसा नहीं करुंगी. राजनीति छोड़ रही हूं लेकिन मैं प्रार्थना करती हूं कि उनकी पार्टी जीते और उनकी विरासत आगे बढ़े.'' उन्होंने कहा, ''मैं कभी सत्ता सुख, ऑथरिटी या धन की चाहत में नहीं रही. मैं हमेशा अम्मा (जयललिता) के अनुयायियों और तमिलनाडु के लोगों का आभारी रहूंगी.'' शशिकला ने लोगों से अपील करते हुए कहा है कि यह सुनिश्चित करें कि 'साझा दुश्मन' डीएमके सत्ता में नहीं आए.


एमके स्टालिन की पार्टी डीएमके सत्तारूढ़ एआईएडीएमके-बीजेपी गठबंधन के खिलाफ चुनाव लड़ रही है. डीएमके ने चुनाव में कांग्रेस और अन्य दलों के साथ गठबंधन किया है.


शशिकला आय से अधिक संपत्ति के एक मामले में चार वर्ष की कैद की सजा पूरी करने के बाद 28 जनवरी को जेल से बाहर आईं थी. इसी के बाद से अटकलें लगाई जा रही थी कि इस बार के विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ AIADMK और विपक्षी पार्टी डीएमके को चुनौती देंगी. हालांकि उन्होंने अपने पत्ते नहीं खोले थे.


बता दें कि जे जयललिता का दिसंबर 2016 में निधन हो गया था. इसके बाद AIADMK में वर्चस्व की लड़ाई छिड़ गई थी. AIADMK के पनीरसेल्वम धड़े ने शशिकला को पार्टी से निष्कासित कर दिया था.


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