Tulsi Gabbard On Terrorism: ढाई दिन की भारत की आधिकारिक यात्रा पर आईं अमेरिकी खुफिया प्रमुख तुलसी गबार्ड ने कहा कि इस्लामी आतंकवाद के खतरे को हराने के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने अमेरिकी लोगों के लिए इसे खतरा बताया. 


गबार्ड ने इस बात पर जोर दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आतंकवाद के खतरे को गंभीरता से लेते हैं और उन्होंने इस बात पर बल दिया कि दोनों देश इस सतत खतरे से मिलकर निपटने के लिए प्रतिबद्ध हैं. 


तुलसी गबार्ड ने क्या कहा?


एएनआई के साथ एक इंटरव्यू में गबार्ड ने चर्चा की कि आतंकवाद न केवल अमेरिका बल्कि भारत, बांग्लादेश, सीरिया, इजरायल और मिडिल ईस्ट के कई हिस्सों को भी प्रभावित करता है. "राष्ट्रपति ट्रंप अपने पहले प्रशासन के दौरान और इस बार भी इस्लामी आतंकवाद के इस खतरे को हराने के लिए अपनी प्रतिबद्धता के बारे में बहुत स्पष्ट रहे हैं, जिसने दुर्भाग्य से हमें परेशान किया है और अमेरिकी लोगों के लिए एक सीधा खतरा बना हुआ है."


'आतंकवाद को हराने के लिए साथ काम करेंगे'


उन्होंने आगे कहा, "लेकिन, हम देख रहे हैं कि यह भारत, बांग्लादेश, सीरिया, इजरायल और मिडिल ईस्ट के कई देशों में लोगों को कैसे प्रभावित कर रहा है. इसलिए यह एक ऐसा खतरा है जिसे मैं जानती हूं कि प्रधानमंत्री मोदी भी गंभीरता से लेते हैं और हमारे दोनों देशों के नेता इस खतरे को पहचानने और उसे हराने के लिए मिलकर काम करेंगे."


भारत ने तुलसी गबार्ड के सामने उठाया खालिस्तान का मुद्दा 


इस बीच, भारत ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तुलसी गबार्ड की बैठक के दौरान अमेरिका में प्रतिबंधित खालिस्तानी समर्थक संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) की ओर से की जा रही भारत विरोधी गतिविधियों का मुद्दा उठाया. इस बात की जानकारी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से दी. 


ये भी पढ़ें: खालिस्तानियों पर एक्शन ले अमेरिका! आतंकी पन्नू के SFJ पर तुलसी गबार्ड से बोले राजनाथ सिंह