Tuna Fish Scandal: श्रीलंका (Sri Lanka) की एक कंपनी से टूना मछली (Tuna Fish) की खरीद-फरोख्त में हुए घोटाले को लेकर केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने आज लक्षद्वीप (Lakshadeep) से एनसीपी (NCP) सांसद मोहम्मद फैजल और उनके भतीजे अब्दुल राजिक, श्रीलंका की एक कंपनी, लक्षद्वीप कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड के तत्कालीन प्रबंध निदेशक के खिलाफ विभिन्न अपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है. इस मामले में आज 6 जगहों पर छापेमारी की जा रही है.
सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी के मुताबिक इस मामले में जिन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है उनमें एनसीपी सांसद मोहम्मद फैजल श्रीलंका की कंपनी एसआरटी जनरल मर्चेंट इंपोर्टर्स एंड एक्सपोर्टर्स कोलंबो लक्षद्वीप कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड के तत्कालीन प्रबंध निदेशक एमपी अनवर और मोहम्मद अब्दुल राजिक शामिल है.
एनसीपी सांसद का क्या है कनेक्शन?
इनमें मोहम्मद अब्दुल राजिक सांसद के रिश्तेदार भी बताए जाते हैं. वह इस श्रीलंका की कंपनी के प्रतिनिधि बताए जाते हैं. सीबीआई ने इस मामले में 24 जून 2022 को केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप के विजिलेंस अधिकारियों के साथ लक्षद्वीप सहकारी विपणन संघ के यहां एक आकस्मिक सर्वे किया था.
इस सर्वे में जांच के दौरान पाया गया कि साल 2016/ 2017 पड़ोसी देश श्रीलंका की खरीदार कंपनी टूना मछली को प्रचलित दर से अधिक दर पर खरीदने के लिए तैयार थी. इस मामले में सांसद मोहम्मद फैजल की भी भूमिका थी. जांच के दौरान यह पाया गया कि यह कंपनी 250 रुपए प्रति किलोग्राम टूना मछली की दर से कहीं ज्यादा 650 रुपए प्रति किलोग्राम देने को तैयार थी ऐसा आश्वासन उसकी तरफ से दिया गया था.
सांसद पर भी है मदद का आरोप
जांच के दौरान पता चला कि श्रीलंका की इस कंपनी के स्थानीय प्रतिनिधि के तौर पर मोहम्मद अब्दुल राजिक था जो सांसद का रिश्तेदार भी है. यह भी पता चला कि लक्षद्वीप सहकारी विपणन संघ ने इस खरीद-फरोख्त के लिए किसी भी तरह का कोई टेंडर नहीं निकाला था. आरोप है कि सांसद के प्रभाव में आकर यह सौदा तय किया गया था.
आरोप के मुताबिक आरोपी कोचीन स्थित एक कंपनी की निर्यातक के तौर पर व्यवस्था की जिसे यह मछली श्रीलंका की कंपनी को भेजनी थी शुरुआती दौर में कोचीन की इस कंपनी को लक्षद्वीप सहकारी विपणन संघ से 10 मेट्रिक टन टूना मछली की खेप मिली जिसके लिए उसने 60 लाख रुपए का भुगतान भी किया.
क्या है मामला?
सीबीआई के मुताबिक इस मामले में आरोप है कि को कोचीन की इस निर्यातक कंपनी को श्रीलंका की कंपनी से भुगतान नहीं मिला जिसके बाद उसने लक्ष्यदीप विपणन संघ से बाकी टूना मछली को उठाने से इंकार कर दिया. इसके चलते लक्षद्वीप विपणन संघ को यह मछली बाजार दर से भी कम दर पर नीलाम करनी पड़ी. जिसके परिणाम स्वरूप लक्ष्यदीप दीप समूह और गरीब मछुआरों को लगभग 9 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ. सीबीआई ने इस मामले में मुकदमा दर्ज करने के बाद आज दिल्ली, केरल और लक्षद्वीप में 6 जगहों पर छापेमारी की मामले की जांच जारी है.