Tunnel Accident: उत्तराखंड में ऑपरेशन जिंदगी, मशीन टूटी उम्मीद नहीं, सुरंग से बिहार के श्रमिक ने पिता से कहा, 'आप हिम्मत रखिए, मैं निकल जाउंगा'
Tunnel Accident Rescue: उत्तराखंड सुरंग के अंदर आठ राज्यों के 41 मजदूर फंसे हुए हैं. इनमें सबसे अधिक झारखंड के 15 मजदूर हैं. जबकि उत्तर प्रदेश के आठ और बिहार के पांच मजदूर फंसे हुए हैं.
Uttarkashi Tunnel Accident Rescue Operation Update: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले की सिलक्यारा में धंसी निर्माणाधीन सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को निकालने के अभियान का आज (27 नवंबर) 16 वां दिन है. इन्हें निकालने के लिए पहुंचाई जाने वाली 80 सेंटीमीटर व्यास की आखिरी 10 मीटर की पाइप बिछाने का काम पिछले चार दिनों से नहीं हो पाया है, क्योंकि ड्रिल करने वाली ऑगर मशीन टूट कर पाइप अंदर ही फंस गई थी. अब इसे निकाल लिया गया है.
वैकल्पिक तौर पर भारतीय सेना के जवान पहाड़ी के ऊपर से वर्टिकल खुदाई कर रहे हैं. करीब 20 मीटर तक की खुदाई पूरी हो चुकी है. वर्टिकल तौर पर कम से कम 86 मीटर की खुदाई की जानी हैं, जिसमें चार दिनों का वक्त लगने का दावा किया जा रहा है.
अंदर फंसे श्रमिकों के हौसले बुलंद
बचाव अभियान में लगातार हो रही देरी से भले ही परिजनों में निराशा बढ़ रही है. उनका मनोबल भी टूट रहा है, लेकिन अंदर फंसे मजदूरों के हौसले बुलंद हैं. उत्तराखंड की सुरंग में फंसी 41 जिंदगियों के बचाने के ऑपरेशन में भले ही ड्रिलिंग के लिए इस्तेमाल हो रही ऑगर मशीन टूट गई है, लेकिन उम्मीदें नहीं टूटी हैं.
इसकी बानगी इसी से देखी जा सकती है कि पिछले 16 दिनों से सुरंग के अंदर फंसे बिहार के एक मजदूर ने जब अपने पिता से बात की तो उसने परिवार को ही ढाढ़स बंधाते हुए कहा, "चिंता की कोई बात नहीं है. मैं निकल आऊंगा.'
"आप लोग टेंशन मत लीजिए, मैं निकल आऊंगा"
बिहार के आरा के रहने वाले सबा अहमद उन 41 श्रमिकों में से एक हैं जो दिवाली के दिन सिलक्यारा सुरंग धंसने के बाद उसमें फंसे हुए हैं. उनके पिता का नाम मिस्बाह अहमद है. बचाव दल की ओर से लगातार सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों के परिजनों से बात करवाई जा रही है. सबा ने जब अपने परिवार से बात की तो उन्होंने कहा, "आप लोग टेंशन मत लीजिए. हिम्मत रखिए. मैं निकल आऊंगा."
एबीपी न्यूज से खास बातचीत में सबा के पिता मिस्बाह अहमद ने यह जानकारी दी है. वह कहते हैं, "बाबू (बेटा) ठीक है. उसने कहा है की चिंता की कोई बात नहीं है. तीन-चार दिन में निकल आएगा."
केवल मुखिया और विधायक ने किया है परिवार से संपर्क
मिस्बाह बताते हैं कि 12 नवंबर को दिवाली के दिन सुरंग धंसने के बाद से लेकर आज तक प्रशासन की ओर से उनसे किसी ने भी संपर्क नहीं किया है. बिहार के गांव में पंचायत के मुखिया लोगों के सुख-दुख में हमेशा आते-जाते रहते हैं. उनके यहां भी स्थानीय मुखिया गए हैं और विधायक ने संपर्क साधा है. बाकी प्रशासन के किसी ने उनसे संपर्क साधा हो, इस बारे में उन्होंने नहीं बताया.
सुरंग में फंसे हैं बिहार के पांच मजदूर
उत्तरकाशी की सुरंग में जो 41 श्रमिक फंसे हुए हैं, उनमें आठ राज्यों के लोग है. इनकी जिदंगी की जद्दोजहद जारी है. इनमें सबसे अधिक झारखंड के हैं. झारखंड के 15 लोग अंदर सुरंग में फंसे हैं, जबकि यूपी के 8, उत्तराखंड के 2, हिमाचल प्रदेश का एक , बिहार के 5, पश्चिम बंगाल के 3, असम के 2 और ओडिशा के 5 मजदूर सुरंग में जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं.
आपको बता दें कि उत्तरकाशी की यह सुरंग दिवाली के दिन 12 नवंबर को धंस गई थी. इसमें फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए युद्ध स्तर पर अभियान चल रहा है. अब भारतीय सेना के जवानों ने कमान संभाल ली है. सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह खुद बचाव अभियान की निगरानी कर रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी रोज अपडेट ले रहे हैं.
ये भी पढ़ें :Uttarkashi Tunnel Update: टनल से निकाली गई ऑगर मशीन, पानी की वजह से रोका गया ड्रिलिंग का काम