Tunnel Accident : उत्तरकाशी सुरंग दुर्घटना से सबक, देशभर के अंडर कंस्ट्रक्शन टनल्स का होगा सिक्योरिटी ऑडिट
NHAI On Tunnel Accident: NHAI के अधिकारियों ने कहा है कि फिलहाल देश भर में 29 सुरंगें निर्माणाधीन हैं, जिनमें सिक्योरिटी ऑडिट किया जाएगा. इसके बाद बन चुकी सुरंगों में भी सुरक्षा समीक्षा होगी.
NHAI On Tunnel Accident: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सुरंग के धंसने की घटना से सबक लेते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने वर्तमान में निर्माणाधीन सभी सुरंगों की सुरक्षा ऑडिट का फैसला किया है. इसके लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं. टाइम्स आफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक उत्तरकाशी के सिल्कयारा सुरंग हादसे के बाद एनएचएआई देश भर में अपनी सभी 29 निर्माणाधीन सुरंगों का सिक्योरिटी ऑडिट करेगा.
एनएचएआई के अध्यक्ष संतोष यादव ने अधिकारियों को क्षेत्रीय अधिकारियों, परियोजना निदेशकों और स्वतंत्र सलाहकारों को शामिल करके जल्द से जल्द ऑडिट की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया है.
कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में सबसे अधिक सुरंगें
न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक देश भर में जो 29 सुरंगें बना रही हैं, उनमें सबसे अधिक 12 सुरंगें हिमाचल प्रदेश में हैं. इसके बाद छह सुरंगें जम्मू-कश्मीर में हैं. इससे पहले, जम्मू-कश्मीर में निर्माणाधीन सुरंगों के धंसने की घटनाएं सामने आई थीं. इसके बाद अब उत्तराखंड में सुरंग धंसने की घटना पर सवाल खड़े हो रहे हैं. सूत्रों ने कहा है कि दूसरे चरण में, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण उन सभी सुरंगों का भी सुरक्षा ऑडिट करेगा, जिनका निर्माण कार्य पूरा हो चुका है.
SOP का किया गया है पालन
खास तौर पर पहाड़ी राज्यों में सुरंग निर्माण की योजनाओं और दुर्घटनाओं के बारे में उठ रहे सवालों का जवाब भी अधिकारियों ने दिया है. सड़क परिवहन और राजमार्ग सचिव अनुराग जैन ने कहा कि ऐसी सुरंग के निर्माण के लिए जो मौजूदा स्टैंडर्ड ऑपरेशन प्रोसीजर (एसओपी) है, उनका पालन पूरी तरह से किया गया है. पहाड़ी राज्यों में सुरंग निर्माण की योजनाओं पर पुनर्विचार से संबंधित एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो सरकार इस पर भी विचार करेगी.
आपको बता दें कि उत्तरकाशी सुरंग दुर्घटना के 11 दिन बीत चुके हैं, लेकिन वहां फंसे 41 मजदूर में से एक को भी बाहर नहीं निकाला जा सका है. हालांकि सुरंग में पाइप के जरिए उन्हें ऑक्सीजन और खाना पानी पहुंचाया जा रहा है, लेकिन इतने लंबे समय बाद भी मजदूरों को नहीं निकाले जाने की वजह से परिजनों में नाराजगी बढ़ रही है.