Indian Army Operation Dost in Turkey Earthqauke: तुर्किए में भारतीय सेना के ऑपरेशन दोस्त (Operation Dost) के तहत भूकंप पीड़ितों के लिए राहत-बचाव अभियान में जुटी राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की आखिरी टीम वापस भारत आ गई है. समाचार एजेंसी एएनआई ने रविवार (19 फरवरी) को यह जानकारी दी. 


शनिवार (18 फरवरी) को टर्किश डिजास्टर एंड इमरजेंसी मैनेजमेंट प्रेसीडेंसी (AFAD) ने राहत-बचाव अभियान के खत्म होने की घोषणा की थी, जिसके बाद एनडीआरएफ का आखिरी दल भारत वापस लौटा. 


151 जवानों की तीन टीमों ने दिया बचाव अभियान को अंजाम


भारत के 'ऑपरेशन दोस्त' के तहत एनडीआरएफ की 151 जवानों की तीन टीमों और डॉग स्क्वायड ने तुर्किए में विस्तार से खोज और राहत-बचाव अभियान में हिस्सा लिया था. एनडीआरएफ की टीमों ने नूरदागी और अंतक्या में 35 जगहों पर पीड़ितों की मदद की और मलबे में दबे लोगों को निकालने का काम किया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इसे बारे में ट्वीट कर जानकारी दी.


टर्किश डिजास्टर एंड इमरजेंसी मैनेजमेंट प्रेसीडेंसी ने क्या कहा?


अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, टर्किश डिजास्टर एंड इमरजेंसी मैनेजमेंट प्रेसीडेंसी ने शनिवार (18 फरवरी) को कहा कि तुर्किए और सीरिया में इस महीने के विनाशकारी भूकंप के लगभग दो हफ्ते बाद ज्यादातर प्रांतों में खोज और बचाव अभियान समाप्त हो गया है. एएफएडी प्रमुख यूनिस सेजर ने पत्रकारों से कहा, ''भूकंप की वजह से जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 40,642 हो गई है और ज्यादातर प्रांतों में मलबे में दबे लोगों की तलाश और बचाव का काम खत्म हो गया है.'' उन्होंने कहा, ''हमें विश्वास है कि कल रात तक हम खोज और बचाव अभियान खत्म कर देंगे.''


तुर्किए में कैसा रहा भारत का ऑपरेशन दोस्त?


रिपोर्ट्स के मुताबिक, 6 फरवरी को तुर्की और सीरिया में आए 7.8 तीव्रता के भूकंप के कारण 45,000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई और दस लाख से ज्यादा लोग बेघर हुए. इस संकट के समय तुर्किए और सीरिया में सबसे पहले मदद पहुंचाने वालों में भारत शामिल था. भारत ने दोनों देशों में पीड़ितों की मदद के लिए ऑपरेशन दोस्त चलाया. भारत ने तुर्किए और सीरिया में भारी मात्रा में राहत-सामग्री भेजी और मोबाइल अस्पताल चलाया. तुर्किए और सीरिया के सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में भारतीय सेना के ढाई सौ जवानों को तैनात किया गया. 


भारत ने भेजा था 135 टन सामान


विशेष प्रकार से प्रशिक्षित और आत्मनिर्भर एनडीआरएफ की 150 लोगों की टीमें डॉग स्क्वॉयड, विशेष वाहनों और अन्य आपूर्तियों के साथ तुर्किए पहुंची थीं. करीब 135 टन वजन में विशेष उपकरण और राहत सामग्री तुर्किए पहुंचाई गई थी. सीरिया में पोर्टेबल ईसीजी मशीन, पेशेंट मॉनीटर और अन्य जरूरी चिकित्सा सुविधाओं समेत आपातकालीन दवाएं और उपकरण भेजे गए थे. एनडीआरएफ की टीमों ने गजियांटेप में बचाव अभियान में हिस्सा लिया जबकि मेडिकल टीम ने इस्केंडरन में फील्ड अस्पताल लगाए.


तुर्किए के इस्केंडरन और हैटे में भारतीय सेना ने फील्ड अस्पताल के जरिये मेडिकल, सर्जिकल और इमरजेंसी वॉर्ड चलाकर काम किया. इसी के साथ एक्स-रे लैब और मेडिकल स्टोर भी लगाया गया था.


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