Turkiye Earthquake Update: तुर्किए (तुर्की) और सीरिया में 6 फरवरी को आए विनाशकारी भूकंप (Deadly Earthquake) से अब तक 25 हजार के करीब लोगों की जान जा चुकी है. दोनों देशों में लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. भारत ने भी मदद के लिए अपनी एनडीआरएफ टीम भेजी हैं. इस बीच तीन दिनों तक मलबे में फंसी रही 6 साल की बच्ची को जिंदा मलबे से निकाला गया. ये चमत्कारी रेस्क्यू  भारत के दो खास हीरो की वजह से हो पाया. इनका नाम है 'रोमियो' और 'जूली'. अगर शायद ये दोनों नहीं होते तो बच्ची का पता नहीं लग सकता. 


भारत की ओर से भेजी गई एनडीआरएफ टीम तुर्किए (तुर्की) में शानदार काम कर रही है. इसी टीम का हिस्सा हैं रोमिया और जूली. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक बचाव कार्य में जुटे रोमियो और जूली और कोई नहीं बल्कि दो भारतीय स्निफर डॉग्स (Indian Sniffer Dogs) हैं. लैब्राडोर ब्रीड के ये दोनों कुत्ते नेशनल डिजास्टर रिस्पॉनस फोर्स डॉग स्क्वाड का हिस्सा हैं, जिन्होंने 6 साल की नसरीन की जान बचाई है. 


बच्ची की हालत में सुधार 


इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, रोमियो और जूली के संचालकों और उनके दल के कमांडर गुरमिंदर सिंह ने कहा कि यह जूली ही थी जिसने सबसे पहले नसरीन को सूंघा और उसके हैंडलर को सतर्क किया. इसके बाद रोमियो को अंदर लाया गया और उसने पुष्टि की कि मलबे के नीचे दबी बच्ची जिंदा है. बच्ची को जिंदा मलबे से बाहर निकालकर सैन्य हेलीकॉप्टर से एयरलिफ्ट किया गया और इलाज के लिए तुर्किए के हटे में भारतीय सेना के फील्ड अस्पताल में ले जाया गया. टीम का कहना है कि बच्ची की हालत स्थिर है और वह रिकवर हो रही है. 


डॉग स्क्वायड कर रहा मदद 


लैब्राडोर एनडीआरएफ की दो अलग-अलग टीमों के साथ मंगलवार (7 फरवरी) को तुर्की के लिए रवाना हुए. इन्हें भूकंप से तबाह देश को सहायता और राहत सामग्री प्रदान करने के लिए भारत सरकार के ऑपरेशन दोस्त पहल के तहत तैनात किया गया. यहां एनडीआरएफ की टीम लोगों को मलबे से निकालने और घायलों को अस्पताल पहुंचाने में मदद कर रही है. एनडीआरएफ के महानिदेशक अतुल करवाल ने बताया कि डॉग स्क्वायड तुर्किये में स्थानीय अधिकारियों को जरूरत के अनुसार बचाव और राहत कार्यों में मदद कर रहा है. 


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