Turkiye-Syria Earthquake: तुर्किए और सीरिया में भयावह भूकंप के बाद पूरी दुनिया से मदद के लिए हाथ उठे हैं. भारत में मुसलमानों के बड़े संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद (Jamiat Ulema-e-Hind) ने तुर्किए के लिए 1 करोड़ रुपये की राहत देने का ऐलान किया है. नई दिल्ली के रामलाली मैदान में चल रहे अधिवेशन में इसका प्रस्ताव पास हुआ है. जमीयत के जनरल सेक्रेटरी हकीमुद्दीन कासमी ने इस घोषणा के बारे में जानकारी दी.
अधिवेशन में तुर्किए में आए जलजले को लेकर दुख जाहिर किया गया. इसके पहले शनिवार (11 फरवरी) को जमीयत प्रमुख मौलाना महमूद मदनी ने तुर्किए को मदद पहुंचाने के लिए प्रयासों की तारीफ की थी. मदनी ने कहा था कि संकट की इस घड़ी में मोदी सरकार तुर्किए की मदद कर रही है. यह एक अच्छी विदेश नीति है.
भारत ने भेजी सहायता
तुर्किए में विनाशकारी भूकंप के बाद भारत ने ऑपरेशन दोस्त के तहत सहायता भेजी है. इसके तहत भारतीय सेना के जवानों को तुर्किए भेजा गया है, जो वहां युद्ध स्तर पर राहत कार्यों में जुटे हुए हैं. भारतीय सेना की प्रतिष्ठित मेडिकल यूनिट 60 पैरा फील्ड अस्पताल भी पहुंच गई है और भूकंप पीड़ितों का इलाज शुरू कर दिया है. सेना के इस फील्ड अस्पताल ने गुरुवार (9 फरवरी) से काम करना शुरू किया है. जमीयत के अधिवेशन में भारत की मदद की सराहना की गई.
जमीयत के अधिवेशन में विवादित बयान
जमीयत के इसी अधिवेशन में महमूद मदनी ने बयान दिया था कि भारत मुसलमानों के लिए पहला मुल्क है. उन्होंने दावा किया कि इस्लाम के पहले पैगंबर का जन्म यहीं हुआ था. रविवार को अधिवेशन में कई प्रस्ताव पास हुए. इसमें मुसलमानों के खिलाफ देश में बढ़ती हिंसा के खिलाफ प्रस्ताव भी शामिल है.
आदम को बताया हिंदुओं का पूर्वज
शनिवार को महमूद मदनी के बयान पर अभी चर्चा खत्म भी नहीं हो पाई थी कि रविवार को अधिवेशन में मौलाना अरशद मदनी ने मंच से ही आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत पर जमकर हमला बोला. अरशद मदनी ने तो यहां तक कह दिया कि तुम्हारा पूर्वज हिंदू नहीं था. वह मनु यानी आदम था, जो हमारा पहला नबी था. उन्होंने कहा कि ये हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी के पूर्वज हैं. उनके इस बयान का मंच पर ही विरोध हुआ. मंच पर मौजूद जैन मुनि लोकेश ने विरोध जताते हुए मंच छोड़ दिया. कई अन्य लोग भी मंच से उतर गए.
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