Turkiye-Syria Earthquake: तुर्किए (Turkiye) और सीरिया में 6 फरवरी को आए 7.8 तीव्रता वाले भूकंप (Earthquake) ने हाल के दिनों में सबसे बड़ी क्षति पहुंचाई है. दोनों देशों में कुल मिलाकर 23 हजार से ज्यादा लोगों की जानें चली गई हैं और आने वाले दिनों में ये संख्या और बढ़ सकती है. इनके अलावा घायलों की तादाद 40 हजार से ज्यादा है, यह संख्या भी बढ़ सकती है. दोनों देशों में अभी काफी लोग जमींदोज हुई इमारतों के मलबे के नीचे दबे हुए हैं, जिन्हें निकालने के लिए हरसंभव कोशिश की जा रही है.
इसका अल्लाह से कोई लेना-देना नहीं...
इस बीच विवादित लेखिका तस्लीमा नसरीन ने भूकंप को तुर्किए और स्वीडन विवाद से जोड़ा है. बांग्लादेशी लेखिका ने ट्वीट करके कहा, "इस्लामिस्ट कह रहे थे कि अल्लाह स्वीडन को दंड देगा क्योंकि स्वीडन में लोग कुरान जला रहे थे, लेकिन इसके बजाय अल्लाह ने तुर्कीए को सजा दे दी. दरअसल, भूकंप भूकंप वाले क्षेत्रों में आते हैं. इसका अल्लाह से कोई लेना-देना नहीं है."
स्वीडन-तुर्कीए विवाद
स्वीडन में तुर्किए के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के दौरान कुरान की एक प्रति जलाई गई. इसके बाद इस घटना की आलोचना अंतरर्राष्ट्रीय स्तर पर की गई है. तुर्किए ने इस घटना पर नाराजगी जताते हुए स्वीडन के रक्षा मंत्री की प्रस्तावित अंकारा यात्रा को एकतरफा तरीके से रद्द कर दिया है. घटना के बाद स्वीडन के प्रधानमंत्री ने माफी मांगी है. वहीं तुर्किए के राष्ट्रपति ने साफ़ शब्दों में कह दिया है कि नाटो देशों में शामिल होने के लिए स्वीडन तुर्किए के समर्थन की उम्मीद ना करे.
बता दें कि स्वीडन नेटो सैन्य गठबंधन में शामिल होना चाहता है और नेटो सदस्य तुर्की को यह मंजूर नहीं है.
गौरतलब है कि शनिवार को स्वीडन में दक्षिणपंथी विचारधारा वाली स्ट्राम कुर्स पार्टी के नेता रासमुस पैलुदान ने नाटो सदस्यता को लेकर तुर्किए से चल रहे तनाव के बीच तुर्किए दूतावास के बाहर कुरान में आग लगा दी थी. प्रदर्शन के दौरान कुरान की प्रति में आग लगाने के लिए उन्हें सरकार की ओर से अनुमति भी मिल गई. हालांकि बाद में खुद प्रधानमंत्री को घटना पर सफाई देनी पड़ी.
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