महाराष्ट्रः कॉलेज में महात्मा गांधी पर आयोजित कार्यक्रम में तुषार गांधी को न्योता देकर वापस लिया
तुषार गांधी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उनके पास मार्डन कॉलेज प्रशासन की तरफ से फोन आया था और कहा गया कि वो इस कार्यक्रम में अपना व्याख्यान देने न आये.
मुंबईः महाराष्ट्र में महात्मा गांधी पर आयोजित एक कार्यक्रम में उनके पोते तुषार गांधी को पहले आमंत्रित किया गया और बाद में आमंत्रण वापस ले लिया गया.दरअसल, पुणे के मार्डन कॉलेज में महात्मा गांधी के विचारों के ऊपर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. चर्चा का विषय रखा गया है 'रीविजिटिंग गांधी'. इस कार्यक्रम में व्याख्यान के लिये महात्मा गांधी के पोते तुषार गांधी को भी बुलाया गया था. लेकिन, अचानक कॉलेज प्रशासन ने निर्णय लिया की इसमें तुषार गांधी अपना व्याख्यान नही दे सकते हैं.
कॉलेज प्रशासन के निर्णय के बाद तुषार गांधी को इस कार्यक्रम में आने से रोक दिया गया. कॉलेज प्रशासन की दलील है कि पुणे के पतित पावन संगठन ने इस कार्यक्रम में तुषार गांधी के व्याख्यान का विरोध किया था, जिसकी वजह से उन्हें ये निर्णय लेना पड़ा.
तुषार गांधी ने बताई वजह
इस मुद्दे पर जब तुषार गांधी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उनके पास मार्डन कॉलेज प्रशासन की तरफ से फोन आया था और कहा गया कि वो इस कार्यक्रम में अपना व्याख्यान देने न आये.
वजह बतायी गयी कि पुणे की पतित पावनी नामक हिंदू संगठन ने स्कूल प्रशासन पर दबाव बनाया है कि वो इस कार्यक्रम में तुषार गांधी को न बुलाएं क्योंकि वो अगर आते हैं तो सीएए एनआरसी के विरोध में बोल सकते हैं.
उन्होंने बताया कि अगर तुषार गांधी को बुलाया गया तो कार्यक्रम की अनुदान राशि रोक दी जायेगी. दरअसल, इस कार्यक्रम को आयोजित करने के लिये पुणे सावित्री बाई विद्यापीठ की तरफ से अनुदान दिया गया है. तुषार गांधी के मुताबिक अगर ऐसे संगठन विश्वविद्यालय तक पर अपना दबाव बना सकते हैं तो ये देश हित में ठीक नही है.
पतित पावनी संगठन की सफाई
वहीं पुणे की पतित पावनी संगठन के मुताबिक उन्होंने इस कार्यक्रम में तुषार गांधी को आने से रोकने के लिये किसी पर कोई दबाव नहीं बनाया है. उनपर ये झूठा आरोप लगाया जा रहा है. फिलहाल इस मुद्दे पर महाराष्ट्र की राजनीति गरमा गयी है.
कांग्रेस , एनसीपी की तरफ से तुषार गांधी को कार्यक्रम में बोलने से मना किये जाने का विरोध किया जा रहा है और सरकार से इस मामले की जांच करने की मांग की गयी है. महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने इसकी जांच करने का आश्वासन भी दिया है.
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