(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
'नया भारत' जिस दिशा में बढ़ रहा है, उसे देखकर नफरत से लड़ना समय की सबसे बड़ी मांग- तुषार गांधी
Mahatma Gandhi: तुषार गांधी ने कहा कि सबसे खतरनाक हिंसा विचारों की हिंसा है. इन दिनों हम देखते हैं कि लोगों के दिल में कुछ है और जुबान पर कुछ और है.
Tushar Gandhi: महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने रविवार को कहा कि अपने मनोपटल और कर्म में अहिंसा को शामिल करके नफरत और 'विचारों की हिंसा' से लड़ना समय की मांग है. तुषार गांधी ने कहा कि 'नया भारत' जिस दिशा में बढ़ रहा है, उसे लेकर और नफरत फैलने पर अफसोस जताया. उन्होंने कहा कि इस प्रकार के राष्ट्र के पिता महात्मा गांधी नहीं होंगे, बल्कि गोडसे होगा.
उन्होंने कहा, "सबसे खतरनाक हिंसा विचारों की हिंसा है. इन दिनों हम देखते हैं कि लोगों के दिल में कुछ है और जुबान पर कुछ और है, इसलिए हमें अहिंसा का अर्थ समझने और इसे हमारी सोच में शामिल करने की जरूरत है."
नए भारत में गोडसे होगा राष्ट्रपिता
तुषार गांधी ने एक समारोह में कहा, "नया भारत जिस दिशा में आगे बढ़ रहा है, उसके राष्ट्रपिता मोहनदास करमचंद गांधी नहीं होंगे, बल्कि (गांधी का हत्यारा) नाथूराम गोडसे होगा. हमें चिंतित होना चाहिए कि नफरत और द्वेष हमारे दिमाग में नई जगह बना रहे हैं. यहां तक कि महाराष्ट्र में भी हम घृणा का प्रसार होते देख रहे हैं."
गांधी ने कहा कि अब नया नारा 'नफरत भारत छोड़ो' गढ़ने और घृणा को खत्म करने की जरूरत है, अन्यथा नागरिक इसके गुलाम हो जाएंगे. तुषार गांधी को समारोह में पुरस्कृत किया गया.
महात्मा गांधी के खिलाफ दुष्प्रचार की निंदा
गांधी ने महात्मा गांधी के बारे में गलत धारणाओं और दुष्प्रचार की भी निंदा की, जिसमें हाल में दिया गया यह बयान शामिल है कि उनके पास कोई डिग्री नहीं थी. उल्लेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने हाल में कहा था कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पास किसी भी विश्वविद्यालय की डिग्री नहीं थी.
जब भी मेरा फोन बजता है...
उन्होंने कहा, "इन दिनों जब भी मेरा फोन बजता है तो मैं सोचता हूं कि अब बापू के बारे में कौन सा ऐसा सवाल है जिसका उत्तर नहीं दिया गया है. करीब 10 दिन पहले उनकी डिग्री को लेकर सवाल किया गया. महात्मा गांधी के बारे में कई अफवाह फैलाई जा रही हैं, जो समझ से परे हैं."
गांधी ने समाज के एक धड़े द्वारा राष्ट्रपिता की हत्या के लिए किए जा रहे ‘वध’ शब्द की भी निंदा की, क्योंकि अकसर इस प्राचीन शब्द का इस्तेमाल मनुष्यों नहीं बल्कि राक्षसों की हत्या के लिए किया जाता है. तुषार गांधी ने कहा कि गांधी जी हर धर्म का सम्मान करते थे. उन्होंने कहा कि लोगों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे उज्ज्वल भविष्य के लिए सही आदर्शों के साथ जिएं.
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