(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
TVK First Public Meeting: किस राह पर TVK के सुपरस्टार विजय? पहली ही रैली में एजेंडा कर दिया साफ, इन मुद्दों पर उठाई आवाज
तमिल सिनेमा के सुपरस्टार विजय ने तमिलगा वेत्री कड़गम (TVK) पार्टी के पहले सम्मेलन में कहा कि पार्टी द्रविड़ राष्ट्रवाद और तमिल राष्ट्रवाद को अलग नहीं करने जा रही है.
TVK First Public Meeting: तमिल सिनेमा के अभिनेता विजय ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत कर दी है. उनकी पार्टी तमिलगा वेत्री कड़गम (TVK) की पहली रैली रविवार (27 अक्टूबर) को तमिलनाडु के विल्लुपुरम जिले के विक्रवंडी में हुई.
टीवीके की पहली जनसभा को संबोधित करते हुए विजय ने कहा कि कुछ पार्टियां लोगों को बांटने वाली राजनीति करती हैं, ऐसी पार्टियां हमारी वैचारिक स्तर पर दुश्मन हैं. वहीं, विचारधारा के बारे में बात करते हुए विजय ने कहा, "हम द्रविड़ राष्ट्रवाद और तमिल राष्ट्रवाद को अलग नहीं करेंगे."
'पेरियार के दिखाए रास्ते पर चलेगी टीवीके'
विजय ने कहा, "ये दोनों इस मिट्टी की दो आंखें हैं. हमें खुद को किसी खास पहचान तक सीमित नहीं रखना चाहिए. टीवीके की विचारधारा धर्मनिरपेक्ष और सामाजिक न्याय की विचारधारा पर टिकी है और तमिलगा वेत्री कड़गम इसी आधार पर काम करेगी. उनकी पार्टी पेरियार के दिखाए रास्ते पर चलेगी, जिसमें महिला सशक्तिकरण और सामाजिक न्याय को लेकर विचार शामिल हैं. हालांकि उन्होंने पेरियार के नास्तिकता से जुड़े सिद्धांत को मानने से इनकार किया."
'जातिगत जनगणना का समर्थन करती है टीवीके'
विजय ने यह भी साफ किया कि उनकी पार्टी जातिगत जनगणना का समर्थन करती है. मिलगा वेत्री कड़गम पार्टी राज्य में दो भाषाओं को अपनाने की नीति पर काम करेगी. तमिलगा वेत्री कड़गम पार्टी के रैली में के कामराज, पेरियार, वेलु नचियार, अंजलाई अम्मल और बी आर अंबेडकर जैसे पांच सुधारकों के कटआउट लगे हुए थे. जिससे उन्होंने अपनी विचारधारा को स्पष्ट कर दिया कि यह नई पार्टी जाति-विरोधी,धर्मनिरपेक्ष राजनीतिक विचारधारा को दर्शाता है.
विजय का राजनीति में आना कोई अचानक लिया गया फैसला नहीं है, बल्कि द्रविड़ पार्टियों, डीएमके और एआईएडीएमके के डोमिनेंस वाले राज्य में एक नई राजनीतिक पहचान बनाने का एक अलग प्रयास है. पार्टी के झंडे में लाल, पीले, हरे और नीले रंग का एक वाइब्रेंट कॉम्बिनेशन है, जो सामाजिक न्याय, एकता और आधुनिकता के मिश्रण का प्रतीक दे रहा है.
ये भी पढ़ें: Karnataka: किसानों की जमीन पर क्यों पनपी असमंजस की स्थिति? मंत्री एमबी पाटिल ने बता दी असल वजह