प्राइवेट ट्रेनें चलाने को लेकर हुई बैठक, बॉम्बार्डियर, एल्स्टॉम समेत 23 कंपनियां हुईं शामिल
रेलवे ने लक्ष्य निर्धारित किया है कि अप्रैल 2023 तक पहली प्राइवेट ट्रेन पटरी पर दौर जाए. रेलवे का दावा है कि इस योजना से रेलवे में नई टेक्नोलॉजी आएगी.
नई दिल्ली: भारत में प्राइवेट ट्रेनों के परिचालन में बॉम्बार्डियर, एल्सटॉम, सीमेंस और जीएमआर सहित 23 कंपनियों ने रुचि दिखाई है. रेलवे ने बुधवार को इसकी जानकारी दी. रेलवे ने कहा कि इन कंपनियों ने आवेदन प्रक्रिया से पूर्व बुधवार को इस संबंध में हुई एक बैठक में हिस्सा लिया. बारह खंडों में निजी रेलगाड़ियां चलाने को लेकर हुई इस बैठक में बीईएमएल, आईआरसीटीसी, भेल, सीएएफ, मेधा ग्रुप, स्टरलाइट, भारत फोर्ज, जेकेबी इंफ्रास्ट्रक्चर और तीतागढ़ वैगन्स लिमिटेड भी शामिल हुईं.
प्राइवेट निवेश के लिए पहल
रेलवे ने 151 आधुनिक रेलगाड़ियों (रेक) के माध्यम से 109 मार्गों पर यात्री सेवा के परिचालन में निजी भागीदारी के लिये अनुरोध आमंत्रित किए हैं. ये नई रेलगाड़ियां नेटवर्क पर पहले से चल रही रेलगाड़ियों के अतिरिक्त होंगी. रेलवे नेटवर्क पर यात्री रेलगाड़ियां चलाने के लिए निजी निवेश की यह पहली पहल है. इस परियोजना से लगभग 30 हजार करोड़ रुपये का निजी निवेश प्राप्त होने का अनुमान है.
अप्रैल 2023 तक पहली प्राईवेट ट्रेन को पटरी पर दौड़ाने का लक्ष्य
रेलवे ने अप्रैल 2023 तक पहली प्राईवेट ट्रेन को पटरी पर दौड़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. रेलवे को उम्मीद है कि नए साल के शुरू होने से पहले प्राइवेट पार्टनरों के साथ कांट्रैक्ट साईन करने की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी.
योजना से भारतीय रेलवे में नई टेक्नोलॉजी आएगी
रेलवे का दावा है कि इस योजना से भारतीय रेल नेटवर्क में नई टेक्नोलॉजी आएगी, अधिक आमदनी होगी और रेलवे से अधिक रोज़गार मिलेगा. भारतीय रेल नेटवर्क में पहली बार पैसेंजर ट्रेनों में प्राईवेट इन्वेस्टमेंट किया जा रहा है. प्राईवेट इन्वेस्टमेंट से आधुनिक टेक्नोलोजी वाली नई ट्रेनें आएंगी जिससे यात्रियों को पहले से कहीं अधिक आरामदायक सफ़र मिल सकेगा.