Twin Tower Noida: जानें कैसे गिरेगा नोएडा का सुपरटेक ट्विन टावर, ये है बिल्डिंग गिराने का पूरा प्लान
Twin Tower Noida: प्रोजेक्ट मैनेजर मयूर मेहता ने बताया, बी1, ग्राउंड, पहली और दूसरी मंजिल में प्राइमरी ब्लास्ट होगा इसके बाद चौथी मंजिल में सेकेंडरी और 6वी मंजिल में प्राइमरी होगी.
Twin Tower Noida: सेक्टर-93ए में दोनों टावरों को गिराने के लिए एडिफिस इंजीनियरिंग कंपनी ने सियान टावर में विस्फोटक रखने की प्रक्रिया पूरी कर ली है. जबकि दूसरे टॉवर एपेक्स में विस्फोटक रखने का काम 24 अगस्त तक पूरा होगा. करीब 3700 किलो विस्फोटक दोनों टॉवर में लगाए जाने हैं. दोनों टावर में विस्फोटक लगाने का काम 13 अगस्त से शुरू हुआ था.
24 अगस्त तक टावर में एक्सप्लोसिव लगाने का काम पूरा
एडिफिस इंजीनियरिंग के प्रोजेक्ट मैनेजर मयूर मेहता ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि "हमारी तरफ से 28 अगस्त को बिल्डिंग गिराने की पूरी तैयारी है. एमरल्ड कोर्ट के बेसमेंट के कॉलम की मरम्मत 25 अगस्त तक पूरी हो जाएगी. वहीं शुक्रवार की शाम तक सियान टॉवर में एक्सप्लोसिव लगाने का काम पूरा हो जाएगा. एपेक्स टॉवर में हम ऊपर से एक्सप्लोसिव लगा रहें हैं और 20 मंजिल तक एक्सप्लोसिव लगा चुके हैं. 24 अगस्त तक दोनों टावर में एक्सप्लोसिव लगाने का काम पूरा हो जाएगा.
बिल्डिंग गिराने का पूरा प्लान
प्रोजेक्ट मैनेजर मयूर मेहता ने बताया, बी1, ग्राउंड, पहली और दूसरी मंजिल में प्राइमरी ब्लास्ट होगा इसके बाद चौथी मंजिल में सेकेंडरी और 6वी मंजिल में प्राइमरी होगी. हर अल्टरनेट मंजिल सेकंडरी और उसके बाद अल्टरनेट मंजिल प्राइमरी होगी. वहीं उन्होंने धूल के बारे में बताया, "डस्ट क्लाउड का कोई समाधान नहीं है, हम 50 हेलीकॉप्टर भी लगा दें फिर भी कुछ नहीं हो सकता. लेकिन नोएडा अथॉरिटी मशीन से धूल को हटाने का काम करेगा. डस्ट क्लाउड को एकदम से हटाना बहुत मुश्किल है. 2.30 बजे ब्लास्ट करने के बाद 3.30 बजे तक हम आसपास की बिल्डिंग में जाने के लिए सेफ घोषित कर देंगे. ब्लास्ट के बाद हम ये देखेंगे कि हमारी उम्मीद के हिसाब से ब्लास्ट हुआ है कि नहीं, कोई विस्फोटक बच तो नहीं रह गया. लेकिन धूल तो थोड़ी बहुत रहेगी. इतने कम समय में धूल तो नहीं जाएगी. 15 मिनट ब्लास्ट से पहले और 15 मिनट बाद यमुना एक्सप्रेसवे को बंद कर दिया जाएगा."
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बिल्डिंग सीस्मिक जोन 5 के हिसाब से बनी है
मयूर मेहता ने आगे बताया, नोएडा शहर सीस्मिक जोन 4 में आता है, लेकिन यहां बिल्डिंग सीस्मिक जोन 5 के हिसाब से बनी है. यहां 2.5 रेक्टर स्केल तक भूकंप आता है तो उसमें जो वाइब्रेशन होता है इन टॉवर को गिरते समय इसका 10% भी वाइब्रेशन नहीं होगा. बिल्डिंग गिरने के बाद जो मलबा बहते बहते आता है उसको रोकने के लिए हमने स्टील के कंटेनर्स लगाए हैं. ब्लास्ट के बाद शॉक वेव से बचने के लिए बेसमेंट में, पोडियम में और ग्राउंड लेवल पर भी इंपैक्ट कुशन कवर लगाए गए है. एमरल्ड कोर्ट और ट्विन टॉवर के बीच हमने कोई भी कनेक्शन नहीं छोड़ा है. पहले एक ड्राइव वे था जो दोनों से जुड़ा था लेकिन उसे भी हमने तोड़ दिया है. जो 9 मीटर पर एमरल्ड कोर्ट का टॉवर है वहां तक कोई नुकसान होने की कोई संभावना नहीं है.
थोड़ा ज्यादा समय लग सकता
आपको बता दें कि 28 अगस्त को ट्विन टॉवर को गिराया जाना है. विस्फोटक रखने के लिए 15 दिन की सीमा रखी गई थी, लेकिन मयूर मेहता का कहना है कि हम तय वक्त से पहले ही 24 अगस्त तक विस्फोटक लगाने की प्रक्रिया पूरी कर लेंगे. आखिरी के 3 दिन दिनों में फाइनल चेकिंग की जाएगी. मेहता ने बताया कि ट्विन टावर के बी1 फ्लोर, ग्राउंड फ्लोर, पहली और दूसरी मंजिल में प्राइमरी ब्लास्ट होगा जबकि इसके बाद चौथी मंजिल सेकेंडरी और 6वी मंजिल में प्राइमरी ब्लास्ट होगी और ये प्रक्रिया ऊपर तक अपनाई जाएगी. इसके अलावा मेहता ने बताया कि एपेक्स टॉवर को ऊंचाई सियान बिल्डिंग से ज्यादा है तो उसमें विस्फोटक रखने में वक्त ज्यादा लगेगा. एपेक्स में हम ऊपर की मंजिल से विस्फोटक रखते आ रहें हैं और कल तक हम 14वी मंजिल में विस्फोटक रखने का काम खत्म कर लेंगे. एपेक्स के हर फ्लोर पर करीब 110 पिलर हैं और जैसे-जैसे नीचे आएंगे तो विस्फोटक की मात्रा ज्यादा होगी. जिससे थोड़ा ज्यादा समय लग सकता है.
हमारा हवा पानी सब बंद हो गया
ट्विन टावर से मात्र 9 मीटर की दूरी पर रहने वाले एमरल्ड कोर्ट के पूर्व आरडब्ल्यूए अध्यक्ष राजेश राणा ने एबीपी न्यूज को बताया कि जबसे ये तीन टॉवर बने हैं उनका हवा पानी सब बंद हो गई है. राणा ने कहा, "जब हमने घर लिया तो ये बताया गया सुपरटेक की तरफ से कि यमुना एक्सप्रेस वे दिखेगा. लेकिन यहां पर बिल्डिंग बनाने लगी. जिस जगह पर टॉवर है वहां पहले ग्रीन बेल्ट था और यहां कोई बिल्डिंग बनने की इजाजत ही नहीं थी. दूसरी चीज ये कि इस बिल्डिंग के बाद हमारे घर में धूप हवा कुछ आती ही नहीं. दिक्कत तो बहुत होती है. पहले बताया गया कि 11 मंजिल बनेगी फिर 24 कहा गया और फिर 40 मंजिल कहने लगे."
बिल्डिंग गिरने से सुकून मिलेगा
राजेश राणा ने ने आगे कहा, सुपरटेक की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया जाता था. सुपरटेक ने तो हमें नक्शे देने से भी इंकार कर दिया. वजह थी कि हमें हाई कोर्ट तक जाना पड़ा था. दिमाग में जरूर रहता है कि ये कैसे गिरेगी. इतनी बड़ी बिल्डिंग है. हम लोगों को 28 तारीख को सुबह 8 बजे से पहले घर खाली करना होगा. बिजली और गैस कनेक्शन भी काट दिए जाएंगे और पुलिस के पास सारी सिक्योरिटी की जिम्मेदारी हैंडओवर होगी. हमारे परिवार में तो यही बातें होती हैं कि 10 साल इस इमारत को बनते हुए देखा है और अब पिछले डेढ़ साल से इस इमारत को गिरते हुए देख रहे हैं. सुकून मिलेगा कि हमारी हवा पानी जो सब बंद था वो अब वापस हमें मिलेगी.