ट्विटर और सरकार का झगड़ा बढ़ा, कंपनी ने हाई कोर्ट में कहा- IT कानून को माना, केंद्र बोला- ऐसा नहीं हुआ
नियमों के अनुसार सभी सोशल मीडिया कंपनियों को अपनी-अपनी वेबसाइट, ऐप या दोनों पर शिकायत निपटान अधिकारी और उनके पते के बारे में जानकारी देनी है. साथ ही शिकायत के तरीके को बताना है जिसके जरिये उपयोगकर्ता या पीड़ित अपनी शिकायत कर सके. शिकायत अधिकारी को 24 घंटे के भीतर दर्ज की गयी शिकायत प्राप्त करने के बारे में सूचना देनी होगी. साथ ही ऐसे शिकायतों का निपटान प्राप्ति की तारीख से 15 दिन की अवधि में करना होगा.
नई दिल्ली: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर और सरकार के बीच झगड़ा बढ़ता नजर आ रहा है. नए सोशल मीडिया कानूनों को लेकर सुनवाई के दौरान आज ट्विटर और सरकार आमने सामने दिखे. हाई कोर्ट में जहां ट्विटर ने कहा कि हमने केंद्र के कानूनों को माना है, वहीं सरकार ने कहा कि ऐसा नहीं हुआ.
सुनवाई दौरान अदालत ने सोशल मीडिया मंच द्वारा आईटी नियमों का पालन सुनिश्चित करने संबंधी याचिका पर केंद्र और ट्विटर से अपना रुख बताने को कहा। इस पर ट्विटर के बड़े अधिकारियों ने कोर्ट को बताया कि उसने आईटी रूल्स, 2021 को लागू कर दिया है.
इसके साथ ही ट्विटर ने बताया कि भारत में एक स्थानीय अधिकारी नियुक्ति भी 28 मई से कर दी गई है. यह अधिकारी स्थानीय शिकायतों का निपटारा करेगा. वहीं ट्विटर के इस जवाब पर केंद्र कहा कि नहीं ऐसा नहीं है. ट्विटर ने नए नियम लागू नहीं किए हैं. सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि यदि डिजिटल मीडिया के लिए आईटी नियमों पर रोक नहीं लगाई गई है तो ट्विटर को इनका पालन करना होगा.
दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर एक जनहित याचिका में शुक्रवार को कहा गया था कि ट्विटर ने शिकायत निवारण स्थानीय अधिकारी नियुक्त करने संबंधी केंद्र के आईटी कानून के नियम का पालन नहीं किया है. इसमें अनुरोध किया गया है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर को इस नियम का अविलंब पालन करने का निर्देश दिया जाए.
एडवोकेट अमित आचार्य की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि सूचना प्रौद्योगिकी कानून 25 फरवरी को प्रभाव में आए तथा केंद्र ने ट्विटर समेत सभी सोशल मीडिया मंचों को इनका पालन करने के लिए तीन महीने का वक्त दिया था.
याचिका में कहा गया कि यह अवधि 25 मई को समाप्त हो गई लेकिन ट्विटर ने इस मंच पर ट्वीट से जुड़ी शिकायतों को देखने के लिए आज तक शिकायत निवारण स्थानीय अधिकारी की नियुक्ति नहीं. आचार्य ने याचिका में कहा कि जब उन्होंने कुछ ट्वीट के बारे में शिकायत दर्ज करवाने का प्रयास किया तब उन्हें सरकारी नियमों का कथित अनुपालन नहीं किए जाने के बारे में पता चला.