नई दिल्ली: लव जिहाद पर केंद्रीय मंत्री शेखावत की मुख्यमंत्री गहलोत को नसीहत दी है. मध्य प्रदेश के लिव जिहाद पर क़ानून बनाने की घोषणा के बाद लगातार देश में राजनीतिक दलों के बीच बयानबाज़ी चल रही है .


केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लव जिहाद को लेकर दिए बयान पर सवाल उठाए हैं. शेखावत ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री पर निशाना साधकर कहा, ''प्रिय अशोक गहलोत जी, क्या हज़ारों युवतियों के साथ प्रेम और विवाह के नाम पर, नाम और धर्म बदल कर हो रहे धोखे को लव जिहाद नहीं कहेंगे?''


शुक्रवार को अपने सिलसिलेवार ट्वीट्स में शेखावत ने कहा, ''शादी अगर व्यक्तिगत स्वतंत्रता का मामला है तो फिर महिलाएं अपने मायके का नाम या धर्म रखने के लिए स्वतंत्र क्यों नहीं हैं? क्यों लड़कियों के परिवारों को भी दूसरे धर्म को स्वीकार करने के लिए मजबूर किया जाता है? क्या धर्म व्यक्तिगत स्वतंत्रता की बात नहीं है?''


केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, ''अशोक जी, चूंकि कांग्रेस व्यक्तिगत स्वतंत्रता की आड़ में इस कृत्य का समर्थन कर रही है तो क्या यह आपका नया सांप्रदायिक एजेंडा है ? सत्ता लालच में हिंदू आतंकवाद जैसे शब्द गढ़ना, घृणा फैलाना इत्यादि सब कांग्रेस प्रधान कृत है। शेखावत ने कहा कि भाजपा, सबका साथ, सबका विकास में विश्वास रखती है, इसलिए हमारी महिलाएं लव जिहाद नाम के धोखे और अन्याय के अधीन नहीं होंगी.''


राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा था. उन्होंने लव जिहाद को बीजेपी द्वारा निर्मित शब्द करार दिया, गहलोत ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, ''लव जिहाद बीजेपी द्वारा राष्ट्र को विभाजित करने और सांप्रदायिक, सद्भावना को बिगाड़ने के लिए निर्मित शब्द है.''


उन्होंने कहा कि विवाह व्यक्तिगत स्वतंत्रता का मामला है, इस पर अंकुश लगाने के लिए एक कानून लाना पूरी तरह से असंवैधानिक है. यह कानून किसी भी अदातल में खड़ा नहीं होगा, लव में जिहाद का कोई स्थान नहीं होता. गहलोत ने कहा कि वे राष्ट्र में एक ऐसा वातावरण बना रहे हैं, जहां वयस्क राज्य की शक्ति की दया पर अपनी सहमति देंगे, विवाह एक व्यक्तिगत निर्णय है और वे उस पर अंकुश लगा रहे हैं.


गहलोत ने लव जिहाद बिल को लेकर ट्वीट करते हुए कहा, ''बीजेपी ने देश को बांटने और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने के लिए लव जिहाद शब्द ईजाद किया है. शादी व्यक्तिगत आजादी का मामला है, शादी को रोकने के लिए लाया जाने वाला कोई भी कानून पूर्णतया असंवैधानिक है.''


गहलोत ने एक के बाद एक लगातार तीन ट्वीट कर कहा कि यह किसी अदालत में नहीं टिकेगा. प्यार में जिहाद का कोई स्थान नहीं है. वे देश में ऐसा माहौल बना रहे हैं, जहां वयस्क लोगों की सहमति राज्य की दया पर निर्भर हो जाएगी. शादी निजी फैसला है और वे इसमें रुकावट डाल रहे हैं. यह व्यक्तिगत आजादी को छीनने जैसा है. यह सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की चाल और सामाजिक टकराव को बढ़ाने वाला कदम है. इसके साथ ही संविधान के उस प्रावधान का अनादर है. जिसमें राज्य किसी नागरिक के साथ किसी भी धरातल पर किसी तरह का भेदभाव नहीं कर सकता.