Anantnag Shootout Martyrs: जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले में बुधवार (13 सितंबर) को आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुए सेना के कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धोनैक और जम्मू कश्मीर पुलिस के डीएसपी हुमायूं मुजम्मिल भट्ट शहीद हो गए थे. तीनों के भीतर जो जज्बा और बहादुरी थी वो किसी का भी सीना गर्व से चौड़ा कर सकती है. ऐसे में भारत मां के इन सपूतों की कहानी हर कोई जानना चाहता है, जिन्होंने, देश के लिए शहादत दी है.
कर्नल मनप्रीत सिंह भारतीय सेना में 19 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर थे. उनकी बहादुरी की वजह से उन्हें सेना मेडल से सम्मानित किया गया था. मूल रूप से पंजाब के पंचकूला के रहने वाले मनप्रीत के परिवार में उनकी पत्नी के अलावा 7 साल का बेटा कबीर सिंह और ढाई साल की बेटी बानी हैं. उनकी पत्नी सरकारी स्कूल में लेक्चर हैं. मनप्रीत की भारतीय सेना में 2003 में लेफ्टिनेंट के रूप में भर्ती हुई थी. 2005 में वह प्रमोशन प्रकार मेजर बने थे. उनके पिता भी रिटायरमेंट के बाद पंजाब यूनिवर्सिटी में सिक्योरिटी ऑफिसर के तौर पर काम करते थे.
तीन बहनों के इकलौते भाई थे मेजर आशीष
अनंतनाग एनकाउंटर में शहीद हुए मेजर आशीष धोनैक 19 राष्ट्रीय राइफल्स (RR) में मेजर थे. मूल रूप से हरियाणा के पानीपत के रहने वाले आशीष की 2 साल पहले जम्मू कश्मीर में पोस्टिंग हुई थी. इसके पहले उनकी पोस्टिंग मेरठ में थी. उनकी भी 2 साल की बेटी है. सेना के सूत्रों ने बताया कि उन्हें इसी साल सेना मेडल से भी सम्मानित किया जाना था. इसके पहले वह देश के लिए कुर्बान हो गए.
दो माह पहले ही बेटी के पिता बने थे हुमायूं
इस एनकाउंटर में देश के लिए जान कुर्बान करने वाले शाहिद जम्मू कश्मीर पुलिस के डीएसपी हुमायूं मुजम्मिल भट्ट पूर्व आईजी गुलाम हसन भट्ट के बेटे हैं. 2 महीने पहले ही उनकी पत्नी ने एक बेटी को जन्म दिया है. गोली लगने के बाद काफी ब्लीडिंग होने की वजह से उन्होंने दम तोड़ दिया.
गौरतलब है कि कश्मीर में एक बार फिर आतंकियों से मुठभेड़ में इन अधिकारियों की शहादत से देश भर में गुस्से का माहौल है. गुरुवार को आर्मी ने अनंतनाग के उन इलाकों में आतंकियों के खिलाफ ऑल आउट ऑपरेशन चलाने का निर्णय लिया है.