एक बड़े निहंग जत्थेदार की हत्या की साज़िश रचने के आरोप में दो गिरफ्तार, पुलिस ने बरामद किए दो पिस्तौल और 20 जिंदा कारतूस
निहंगों के सबसे बड़े लीडर की हत्या की साजिश रचने के जुर्म में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मलकीत सिंह और भूपेंद्र सिंह नाम के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने इनके पास से दो पिस्तौल और 20 जिंदा कारतूस भी बरामद किए हैं.
नई दिल्लीः दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मलकीत सिंह और भूपेंद्र सिंह नाम के दो ऐसे आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने निहंगों के सबसे बड़े लीडर की हत्या की साजिश रची थी. इससे पहले कि वह अपने मंसूबों में कामयाब होते और निहंगों के लीडर की हत्या करते स्पेशल सेल ने दोनों को धर दबोचा. पुलिस ने इनके पास से दो पिस्तौल और 20 जिंदा कारतूस भी बरामद किए हैं. पुलिस के मुताबिक बदला लेने की नीयत से इन दोनों ने दो लोगों के कत्ल की साजिश रची थी.
स्पेशल सेल ने किया गिरफ्तार
दरअसल, स्पेशल सेल के एसीपी जसबीर सिंह को एक सूचना मिली थी कि एक अपराधी जिसके ऊपर हत्या का आरोप था, जेल से पेरोल पर आने के बाद फरार हो गया है और एक बड़ी वारदात को अंजाम देने के मकसद से दिल्ली के शालीमार बाग में आने वाला है. इसी सूचना के आधार पर स्पेशल सेल के एसीपी जसवीर सिंह ने अपनी टीम के साथ ट्रैप लगाया और मलकीत सिंह उसके साथी भूपेंद्र सिंह को गिरफ्तार कर लिया. जब इनकी तलाशी ली गई तो इनके पास से दो पिस्तौल और 20 जिंदा कारतूस बरामद हुए.
स्पेशल सेल की टीम ने जब मलकीत सिंह से पूछताछ की तो पूछताछ में उसने बताया कि उसके पिता बलदेव सिंह दिल्ली के आदापुर इलाके के गुरुद्वारे में साल 2007 में ग्रंथि बने थे. इसी दौरान पंजाब के पटियाला में बंता सिंह बगीची में एक फायरिंग हुई और इस फायरिंग में 4 निहंगों की हत्या हो गई थी. जिस का आरोप मलकीत सिंह के पिता बलदेव सिंह पर लगा था और पुलिस ने बलदेव सिंह को गिरफ्तार कर लिया था.
मलकीत सिंह और भूपेंद्र सिंह हुए गिरफ्तार
पुलिस के मुताबिक मलकीत के पिता की गिरफ्तारी के बाद गुरुद्वारे का ग्रंथि लखबीर सिंह को बना दिया गया था. लेकिन यह बात मलकीत और उसके परिवार को अच्छी नहीं लगी और इसी के चलते मलकीत ने अपनी मां और दो सेवादारों के साथ मिलकर लखबीर सिंह का अपहरण करने के बाद उसे मौत के घाट उतार दिया. इस मामले की एफआईआर राजधानी दिल्ली की आदर्श नगर थाने में दर्ज हुई थी.
पुलिस ने इस मामले में मलकीत समेत सभी को गिरफ्तार कर लिया था. इस मामले में अदालत ने चारों को उम्र कैद की सजा सुनाई थी. शुरू में तो मलकीत बाल सुधार गृह में रहा था लेकिन साल 2010 में वहां से फरार हो गया था, बाद में वह पकड़ा गया तब पुलिस को यह पता चला कि जिस वक्त मलकीत ने मर्डर किया था. उस वक्त वह बालक था लिहाजा उसे बाद में जेल भेज दिया गया.
साल 2016 में मलकीत कुछ दिनों की पैरोल लेकर एक बार फिर जेल से बाहर आया लेकिन उसने अपनी पैरोल जंप कर दी और साल 2017 में पंजाब के मुक्तसर के गुरुद्वारा की संपत्ति विवाद के चलते मलकीत ने 4 लोगों की हत्या कर दी.
निहंग लीडर को गोली मारना चाहता था मलकीत
स्पेशल सेल के डीसीपी संजीव यादव ने बताया कि जिस दौरान मलकीत सिंह तिहाड़ जेल में बंद था. उस दौरान वह पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के जुर्म में उम्र कैद की सजा भुगत रहे जगतार सिंह हवारा के संपर्क में भी था. जेल में वह पंजाब में जो उसने हत्या की थी उसकी बातें अक्सर करता रहता था. डीसीपी संजीव यादव के मुताबिक मलकीत निहंग लीडर के सर में गोली मारना चाहता था. इसके लिए बकायदा उसने प्रैक्टिस भी की थी लेकिन इससे पहले कि वह अपने मंसूबे में कामयाब हो पाता स्पेशल सेल के हत्थे चढ़ गया.
पुलिस के मुताबिक 1 अगस्त 2020 को मलकीत कोरोना की वजह से पैरोल पर बाहर आया था और इसी पैरोल का फायदा उठाकर वह दो लोगों की हत्या करना चाहता था. उसका सबसे पहला टारगेट निहंग सिख बुध दल का मुखिया था. पुलिस का कहना है कि मलकीत को ऐसा लगता था की उसी की वजह से उसका पूरा परिवार जेल में है. मलकीत इस बात से अच्छी तरह से वाकिफ था कि किसी भी निहंग लीडर को मौत के घाट उतारना कोई आसान काम नहीं है क्योंकि उनकी सिक्योरिटी बेहद सख्त होती है. इतना ही नहीं उन्होंने बुलेट प्रूफ जैकेट भी पहनी होती है. इसी वजह से वह सर पर गोली मारना चाहता था जिसके लिए उसने बकायदा प्रैक्टिस भी की थी.
पुलिस की मानें तो मलकीत सिर्फ निहंग लीडर की हत्या नहीं करना चाहता था बल्कि उसका टारगेट एक चश्मदीद भी था जो कि मलकीत का पड़ोसी ही था. यह वह पड़ोसी था जिसने लखबीर सिंह की हत्या को होते हुए अपनी आंखों से देखा था.
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