कठुआ गैंगरेप मामला: आरोपियों को बचाने का प्रयास करने वाले बीजेपी के 2 मंत्रियों ने दिया इस्तीफा
कठुआ गैंगरेप मामले में आरोपियों के समर्थन में आयोजित रैली में हिस्सा लेने वाले बीजेपी के दो मंत्रियों लाल सिंह और चंद्र प्रकाश ने जम्मू-कश्मीर में अपने पार्टी प्रमुख को अपना इस्तीफा दे दिया है.
कठुआ: कठुआ गैंगरेप मामले में आरोपियों के समर्थन में आयोजित रैली में हिस्सा लेने वाले बीजेपी के दो मंत्रियों लाल सिंह और चंद्र प्रकाश ने जम्मू-कश्मीर में अपने पार्टी प्रमुख को अपना इस्तीफा दे दिया है.
बता दें कि विपक्षी नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से उनके मंत्रिमंडल के दो सदस्यों को बर्खास्त करने की मांग की थी. इन मंत्रियों ने कठुआ बलात्कार और हत्या मामले में आरोपियों का बचाव करने का कथित तौर पर प्रयास किया था.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा था , ‘‘ महबूबा मुफ्ती को यह फैसला करना है कि क्या वह उन मंत्रियों के साथ काम करने को तैयार हैं , जो लड़की के हत्यारों को बचाने का प्रयास कर रहे हैं. ’’ इससे पहले राज्य के वन मंत्री चौधरी लाल सिंह और राज्य के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री चंद्र प्रकाश गंगा ने आरोपी के समर्थन में हिंदू एकता मंच द्वारा आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया.
अब्दुल्ला का कहना था कि , ‘‘ पीड़िता के हत्यारों के समर्थन में आयोजित रैली में हिस्सा लेने वाले मंत्रियों , इस मामले में पुलिस को किसी को गिरफ्तार नहीं करना चाहिए यह बात करने वाले मंत्रियों , अपने ही पुलिस बल पर उंगली उठाने वाले मंत्रियों , राज्य में जंगल राज होने की बात कहने वाले मंत्रियों को मंत्रिमंडल में बने रहने का कोई हक नहीं है. ’’
बता दें कि पिछले महीने हिंदू एकता मंच द्वारा आठ साल की एक बच्ची के साथ दुष्कर्म करने और उसके बाद उसकी हत्या करने के मामले में आरोपी सात लोगों के समर्थन में कठुआ के हीरानगर इलाके में आयोजित एक रैली में दोनों मंत्रियों ने हिस्सा लिया था.
हालांकि दोनों मंत्रियों ने कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया, लेकिन दोनों के खिलाफ जनता में काफी आक्रोश था. गंगा के पास उद्योग मंत्रालय की जिम्मेदारी थी, और लाल सिंह के पास वन विभाग था. महबूबा ने पीडीपी विधायकों और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की शनिवार को श्रीनगर में एक बैठक बुलाई है, जिसमें कठुआ दुष्कर्म व हत्या मामले में और कश्मीर घाटी में कानून-व्यवस्था के मौजूदा हालात में भावी कार्रवाई पर विचार किया जाएगा.