राम मंदिर के 'भूमि पूजन' के लिए 151 से ज़्यादा पवित्र नदियों का जल लेकर अयोध्या पहुंचे दो भाई, 1968 से कर रहे हैं इकट्ठा
आगामी 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन करेंगे. मंदिर निर्माण के लिए पूरे भारतवर्ष के प्रमुख तीर्थ स्थलों की मिट्टी एवं नदी पवित्र नदियों का जल भेजा जा रहा है. मंदिर निर्माण का देश के करोड़ों हिंदुओं को इंतजार था.
नई दिल्ली: 5 अगस्त को प्रस्तावित राम मंदिर के 'भूमि पूजन' के लिए गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदियों के साथ-साथ मेवाड़ की मिट्टी और पानी भी अयोध्या लाई जाएगी. इसके अलावा राष्ट्रीय राजधानी के पवित्र 11 स्थानों की मिट्टी से भरा कलश भी अयोध्या पहुंचा है. इसी कड़ी में यूपी के रहने वाले दो भाई राधे श्याम पांडे और शब्द वैज्ञानिक महाकवि त्रिफला जिनकी उम्र 70 वर्ष से ज़्यादा है राम मंदिर की नींव में डालने के लिए 151 से ज़्यादा पवित्र नदियों का जल लेकर अयोध्या पहुंचे हैं. शब्द वैज्ञानिक महाकवि त्रिफला बचपन से ही देख नहीं सकते हैं.
राधे श्याम पांडे ने कहा कि मैं भारत की 151 नदियों, 8 बड़ी नदियों, 3 समुद्र का जल लाया हूं. उन्होंने कहा कि मैं श्रीलंका की 16 स्थानों की पवित्र मिट्टी, 5 समुद्र और 15 नदियों का जल भी लाया हूं. मैं पैदल, साइकिल, ट्रेन, हवाईजहाज से यात्रा करके ये सब लाया हूं. मैंने 1968-2019 तक यात्रा करके ये सब इकट्ठा किया है.
2 brothers, who have collected water from more than 150 rivers, have reached #Ayodhya for foundation laying ceremony of #RamTemple. "Since 1968, we've collected water from 151 rivers, 8 big rivers, 3 seas and soil from 16 places of Sri Lanka," said Radhe Syam Pandey. pic.twitter.com/iBPdbLXT5C
— ANI UP (@ANINewsUP) August 2, 2020
रायपुर के चंद्रखुरी स्थित माता कौशल्या के मंदिर से मिट्टी भी राम मंदिर की नींव में डाली जाएगी. इस मिट्टी को लेकर गौ सेवक मोहम्मद फैज खान अयोध्या की पदयात्रा पर निकले हैं. वो भूमि पूजन के दिन 5 अगस्त को अयोध्या पहुंचेंगे.
दिल्ली के इन स्थानों से गई है मिट्टी
सिद्धपीठ कालकाजी, पुराना किला स्थित प्राचीन पांडवकालीन भैरव मंदिर, शीशगंज गुरुद्वारा, चांदनी चौक दिगंबर जैन लालमंदिर, कनॉट प्लेस स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर व शिव नवग्रह मंदिर, बंगला साहिब स्थित प्राचीन काली माता मंदिर, लक्ष्मी नारायण बिरला मंदिर, भगवान वाल्मीकि मंदिर व बद्रीभगत झंडेवालान मंदिर की मिट्टी अयोध्या भेजी गई है.
मेवाड़ी धरती के इन स्थानों से मिट्टी भी पहुंचेगी अयोध्या इसके अलावा मेवाड़ के ख्यातनाम मंदिर,श्रीनाथजी मंदिर, चारभुजा मंदिर, द्वारिकाधीश मंदिर, वेरों का मठ कुंभलगढ़, परशुराम महादेव फूटा देवल, हल्दीघाटी की माटी के अलावा जिले से बहने वाली नदियों का पानी भी लिया गया है.
चित्तौडग़ढ़ से सांवलियाजी मंदिर, मीरा मंदिर दुर्ग, आवरी माता मंदिर, डूंगरपुर जिले के प्रसिद्ध देव सोमनाथ मंदिर, धनेश्वर मंदिर, आदिवासियों के प्रसिद्ध तीर्थ बेणेश्वर धाम से भी पवित्र मिट्टी एकत्रित की जा रही है.प्रतापगढ़ जिले के महादेव कुण्ड, सीतामाता मंदिर, बांसवाड़ा जिले से त्रिपुर सुंदरी, मंदारेश्वर मंदिर, कालिका माता मंदिर से भी पवित्र मिट्टी ली जाएगी.
उदयपुर जिले के प्रमुख मंदिर एकलिंगनाथ मंदिर, जगदीश मंदिर, महाकालेश्वर, परशुराम महादेव मंदिर सहित मेवाड़ के प्रमुख मंदिरों से कलशों में पवित्र मिट्टी एकत्रित की जा रही है.
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