Manipur Encounter: मणिपुर के जिरीबाम जिले में मंगलवार (12 नवंबर) की सुबह दो नागरिक मृत पाए गए. एक दिन पहले जिले में मुठभेड़ में 10 उग्रवादी मारे गए थे. पुलिस ने बताया कि कल की मुठभेड़ के बाद से तीन महिलाएं और तीन बच्चे लापता हैं. आईजीपी (ऑपरेशन) आई के मुइवा ने कहा कि सुरक्षा बल लापता लोगों का पता लगाने के लिए अभियान चला रहे हैं. 


हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, दो बुजुर्ग व्यक्तियों - लैशराम बालेन और माईबाम केशो के शव जकुराधोर करोंग इलाके में मलबे से बरामद किए गए, जहां आतंकवादियों ने सोमवार को कुछ दुकानों में आग लगा दी थी. जिरीबाम जिला प्रशासन ने क्षेत्र में किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए निषेधाज्ञा लागू कर दी है. 


'गोलीबारी की गई तो होगी जवाबी कार्रवाई'


मणिपुर पुलिस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मुठभेड़ में मारे गए 10 लोगों के पास असम की सीमा के पास जिरीबाम के प्रभावित इलाके में अराजकता फैलाने के लिए गोलाबारी थी. मणिपुर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज राज्य की राजधानी इंफाल में संवाददाताओं को बताया, "सुरक्षा बलों ने लापता लोगों की तलाश के लिए अभियान शुरू कर दिया है. लापता लोगों में तीन महिलाएं और तीन बच्चे हैं. अगर गोलीबारी की गई तो असम राइफल्स, सीमा सुरक्षा बल और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल जवाबी कार्रवाई करेंगे."


अत्याधुनिक हथियारों से किया था हमला


सुरक्षाकर्मियों के साथ मुठभेड़ में संदिग्ध उग्रवादियों के मारे जाने के विरोध में पहाड़ी क्षेत्र के कुकी-जो बहुल इलाकों में मंगलवार सुबह पांच बजे से ही बंद रखा गया है. सोमवार को मारे गए संदिग्ध उग्रवादियों ने छद्म वर्दी पहन रखी थी और अत्याधुनिक हथियारों से लैस थे.


पुलिस ने बताया कि उन्होंने जिरीबाम जिले में एक पुलिस स्टेशन और उसके पास के सीआरपीएफ कैंप पर अंधाधुंध गोलीबारी की. मुठभेड़ के दौरान सीआरपीएफ के दो जवान घायल हो गए. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, मंगलवार सुबह जिरीबाम में स्थिति शांत लेकिन तनावपूर्ण रही और पुलिसकर्मी संवेदनशील स्थानों पर गश्त कर रहे थे. 


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